राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों प्रतिष्ठित कला पुरस्कारों से सम्मानित गांव मोमासर के गौरव दिव्यांग कलाकार बजरंग सुथार अब नहीं रहें है। सुबह लगभग 5 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने से उनका निधन हो गया है। इसके पश्चात उनका अंतिम संस्कार गांव में कर दिया गया है। मोमासर सहित श्रीडूंगरगढ़ नहीं जयपुर, दिल्ली तक उनकी कला के प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
कलाकार बजरंग सुथार ने चित्रकारी के माध्यम से चित्रों में जीवन के कई रंग भरे। बजरंग का शरीर 1994 दिल्ली में काम करते वक़्त अचानक पैरालाइसिस अटैक का शिकार हुआ था उसके बाद काफ़ी जगह इलाज करवाया गया लेकिन आराम नहीं मिला और तभी से शरीर में मूवमेंट नहीं रहा। वे केवल दो अंगुली और अंगूठे के सहारे चित्र बनाते और इन चित्रों ने उन्हें देश विदेश तक उनकी विशिष्ट पहचान दिलवाई।
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जयपुर दिल्ली बंगलौर के प्रसिद्ध आर्ट गैलरी में उनकी तस्वीरों की प्रदर्शनियां लगाई गई। गाँव में बजरंग के निधन पर शोक की लहर दौड़ गयी। अभी कुछ समय पहले hi बजरंग की माताजी का भी निधन हुआ था।




















