लूणकरणसर (श्रेयांस बैद)
तेरापंथ भवन में साध्वी ललित कला ने कहा कि धर्म संघ में उपासिका श्रेणी अपने समय का विसर्जन करते हैं ये बहुत बड़ी बात है उपस्थित श्रावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोक्ष की कामना का लक्ष्य रखना चाहिए आत्मा,वीतराग एवं गुण की पूजा करनी चाहिए आचार्य भिक्षु ने कहा ज्ञान,दर्शन,चारित्र को वन्दना करनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि शुद्ध साधन से साध्य को प्राप्त करने की सिद्धि प्राप्त होती है। जो सजीव है हैं वहां चेतना है जो निर्जीव है वहां जड़ है चेतना नहीं है अतःनिर्जीव की पूजा अर्चना नहीं करनी चाहिए।
आचार्य भिक्षु के संघ की उपासक श्रेणी जैनत्व के प्रचार का सेतु
उपासिका सरिता सामसुखा ने साध्य और साधन के बारे में जानकारी दी। तेरापंथ मेरा पंथ की ट्रेनर सुनीता पुगलिया ने तेरापंथ और मूर्ति पूजा के बारे में बताया। शुद्ध साधन और शुद्ध साध्य से ही लक्ष्य की प्राप्ति हो सकती है। जिसमें ज्ञान, दर्शन और चारित्र हो वही पूजनीय है।
उपासिका सरिता सामसुखा, सुनीता पुगलिया का साहित्य भेंट कर सरिता चोपड़ा,विजय श्री दुगड़ ने सम्मान किया।




















