निज पर शासन, फिर अनुशासन।।
श्रीडूंगरगढ़।
अणुव्रत सप्ताह के छठे दिन “अनुशासन दिवस” का आयोजन अणुव्रत समिति श्रीडूंगरगढ़ द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी संगीतश्रीजी ने नवकार महामंत्र से किया एवं 1 घंटे का सभी उपस्थिजनों को त्याग करवाया।कार्यक्रम को मंगलमय बनाया अणुव्रत समिति की टीम ने मंगलाचरण गीत से।साध्वी डॉ. परमप्रभाजी के मंगल उद्बोधन से अनुशासन दिवस शुरू हुआ,उन्होंने बच्चों को कहानी के माध्यम से अनुशासन के बारे में विस्तार में समझाया,साध्वी संगीतश्रीजी ने बताया आचार्य श्री भिक्षु से वर्तमान आचार्य श्री महाश्रमण ने अनुशासन का संदेश जन जन तक पहुंचाया है।कोई भी व्यक्ति अनुशासन को आत्मसात करके ही आगे बढ़ सकता है प्रेरणा दी। दोनों साध्वियों ने अपने प्रवचन में जीवन में अनुशासन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि — “अनुशासन ही जीवन की शोभा है, जो व्यक्ति अनुशासित रहता है वही सच्चे अर्थों में सफल होता है।”
कार्यक्रम के प्रभारी तुलसीराम जी चौरडिया, तेरापंथी सभा से प्रमुख वक्ता विजयराज जी सेठिया, तेयुप से चमन श्रीमाल, महाराणा प्रताप स्कूल से विजयराज जी सेवग ने अनुशासन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर संस्कार इनोवेटिव पब्लिक स्कूल एवं ब्राइट फ्यूचर स्कूल के अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे, जिन्होंने अनुशासन के संदेश को आत्मसात करने का संकल्प लिया।कार्यक्रम का संचालन समिति अध्यक्ष सुमति जी पारख, प्रभारी तुलसीराम जी चौरड़िया,सह प्रभारी के ल जैन के नेतृत्व में हुआ।
कार्यक्रम के अंत में अणुव्रत समिति के उपाध्यक्ष सत्यनारायण जी स्वामी ने उपस्थित विद्यार्थी, शिक्षक, पत्रकार ,संघीय संस्थाएं,विभिन्न संस्थाओं से आए हुए लोग,आदि का धन्यवाद किया।
कोजागरी पूर्णिमा,शरद पूर्णिमा एवं महार्षि बाल्मीकि जयंती महात्म्य विशेष
कार्यक्रम में विमल कुमार नाई, लाल सिंह कंपाउंडर, छगन जी प्रजापत, कांति प्रसाद दर्जी मनीष जी लोहिया,मीनाक्षी जी,गोविंदराम जी सिंघी, चौथमल जी कोठारी,त्रिलोकचंद जी हीरावत,महेंद्र जी मालू,शुभकरण जी पारीक, संजय जी पारीक, विशाल जी स्वामी, मुकेश जी स्वामी, अशोक जी झाबक, अशोक जी बैद ,सहित अनेक समाजजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन चमन श्रीमाल ने किया।




















