जीवन विज्ञान दिवस
“स्वयं के कान खींचो और बुद्धिमान बनो”
श्रीडूंगरगढ़।
अणुव्रत समिति श्रीडूंगरगढ़ द्वारा जीवन विज्ञान दिवस का आयोजन अत्यंत प्रेरणादायी एवं शिक्षाप्रद रूप में संपन्न हुआ।आज अंतिम दिवस पर कार्यकम भव्य रहा, लगभग 125 विद्यार्थी को जीवन जीने की कला,गुस्सा न करना, नशामुक्त रहना, बड़ों का सम्मान करना, आध्यात्मिक से जुड़ना, प्रतिदिन प्राणायाम करना आदि का संकल्प दिलाया आराम सभी बच्चों ने ध्यानपूर्वक सभी बातों को समझा,सुना व प्रयोग किए।
कार्यक्रम में साध्वी श्री संगीतश्रीजी, डॉ. साध्वी परमप्रभाजी एवं साध्वी का मंगल सान्निध्य रहा।
डॉ. साध्वी परमप्रभाजी ने अपने रोचक एवं व्यवहारिक प्रयोगों के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक किया। उन्होंने ध्यान मुद्रा, महाप्राण ध्वनि, और “कान खींचो और बुद्धिमान बनो” जैसे अभ्यास करवाकर जीवन में एकाग्रता और सकारात्मक सोच का संदेश दिया। साथ ही विद्यार्थियों को दैनिक जीवन के नियमों का पालन करने की प्रेरणा दी।
साध्वी श्री संगीतश्रीजी ने अपनी गीतिका के माध्यम से नशामुक्त जीवन का संकल्प दिलाया, वहीं साध्वी कमलविभाजी ने अणुव्रत के नियमों के पालन की महत्ता पर प्रकाश डाला।सभी विद्यार्थियों ने आज विशेष रूप से सभी साध्वी को गीतिका के माध्यम से धन्यवाद किया।
JPS व रमन ITI कॉलेज से व कार्यकम के प्रभारी कुंभाराम जी घिंटाला ने सभी को अणुव्रत आंदोलन की विशेषता बताई।इस अवसर पर बाल निकेतन स्कूल, रमन आईटीआई कॉलेज, महाराणा प्रताप स्कूल सहित अनेक शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी, शिक्षक उपस्थित रहे।
साध्वी श्री ने मंगलपाठ व आशीर्वचन से सभी को संकल्पित किया।कार्यक्रम के अंत में उपाध्यक्ष सत्यनारायण जी स्वामी ने साध्वी श्री जी, विद्यार्थियों, शिक्षकों, अतिथियों एवं उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया।
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कार्यक्रम का संचालन समिति अध्यक्ष सुमति जी पारख के नेतृत्व में प्रभारी कुंभाराम जी घिंटाला व सह प्रभारी राजीव जी श्रीवास्तव के उपस्थिति में मालू भवन में हुआ।
कार्यक्रम में समिति से शुभकरण जी पारीक,विशाल जी स्वामी, मुकेश स्वामी,अशोक झाबक आदि , सभी संघीय संस्थाएं के सदस्य, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के शिक्षक, विद्यार्थी, समाजजनों की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यकम का कुशल संचालन चमन श्रीमाल ने किया।




















