सीकर में मां और उसके चार बच्चों की सामूहिक आत्महत्या मामले में रविवार को नया मोड आया। इस घटनाक्रम में दूसरा पति ने दूसरे दिन पुलिस समझाइश के बाद शवों का लेने और अंतिम संस्कार का निर्णय मान लिया है। बताया जा रहा है कि इस केस में पारिवारिक विवाद और आर्थिक तंगी के चलते महिला ने यह कदम उठाया था।
“सीकर: राजस्थान के सीकर में 11 दिन पहले मां और चार बच्चों द्वारा किए गए सामूहिक सुसाइड घटनाक्रम के बाद उन्हीं के फ्लेट से शनिवार को भयंकर सड़े हुए अवस्था में बरामद शवों के मामले में रविवार को भी कई दिल को झकझोर करने वाले घटनाक्रम घटित हुए। मां और उसके 4 बच्चों का सुसाइड बाद 11 दिन बरामद शवों का मामला तब और दर्दनाक मोड़ लेता रहा है, जब मौत के 11 दिन बाद डेडबॉडी मिलने पर अस्पताल के मोर्चरी में रखे गए पांचों शवों को उनके अपने ही लेने से कतराते रहे। मृतका के मां और भाई और पहले पति ने तो शव लेने से पुलिस की सूचना देने पर ही साफ रूप से इनकार कर दिया। दूसरा पति भी पहले तो रविवार को दिन भर शव लेने से इंकार करता रहा आखिरकार, रविवार देर शाम पुलिस समझाइश पर माना और शवों के मिलने के दूसरे दिन मानवीयता दिखाते हुए पांचों शव लिए और पांचो की मौत के 12वें दिन देर शाम दूसरे पति और उसके परिवार वालों ने एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार करके इस दुखद अध्याय का समापन किया।”
इससे पहले विडंबना दिखी
एक ओर मां ने अपने चार बच्चों समेत जीवन जहरीला पदार्थ सेवन सुसाइड कर लिया तो दूसरी ओर मौत के बाद भी उन्हें शांति नसीब नहीं हुई। 24 घंटे से अधिक समय तक पांचों शव मोर्चरी में पड़े रहे और कोई उन्हें लेने नहीं आया। यह दिल दहला देने वाला नज़ारा तब खत्म हुआ जब महिला का दूसरा पति शैलेश झुंझुनूं के पिपली का रहने वाला है, शाम के वक्त सीकर पहुंचा।
पोस्टमार्टम के बाद एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
पुलिस की लगातार समझाइश के बाद शैलेश ने शव लेने की हामी भरी। इसके बाद मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया और रविवार शाम करीब 7.30 बजे पांचों शव शैलेश और सीकर के तहसीलदार को सौंप दिए गए। इसके बाद सीकर के श्मशान घाट में एक ही चिता पर मां किरण देवी उर्फ पिंकी चौधरी (40) और उनके चार बच्चों – सुमित (18), स्नेहा (13), आयु (4) और अविनाश (2.5) का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम क्रिया-कर्म में शैलेश, उसके माता-पिता और बहन मौजूद रहे।
पहले पति और मायके वालों ने किया था इनकार
इससे पहले का दृश्य और भी शॉकिंग था। सदर थाना प्रभारी इंद्रराज मरोडिया ने बताया कि वे रविवार को मूंडवाड़ा गांव गए और मृतका के पहले पति नेमीचंद बाजिया और उसके मायके वालों से बात की। लेकिन सभी ने लिखित में शव लेने से इनकार कर दिया। शनिवार को भी पुलिस ने उन्हें शव लेने के लिए समझाया था, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया था।
11 दिन बाद मिले थे सड़ चुके शव
गौरतलब है कि शनिवार को सीकर के अनिरुद्ध रेजिडेंसी में एक फ्लैट से किरण और उसके चार बच्चों के सड़ चुके शव बरामद हुए थे। पुलिस के मुताबिक, मौत करीब 11 दिन पुरानी थी। फ्लैट से जहर के आठ यूज किए हुए पैकेट और एक लिक्विड जहर की शीशी भी मिली थी। पुलिस का अनुमान है कि परिवार ने खाने में जहर मिलाकर सामूहिक आत्महत्या की।
सोशल मीडिया सनसनी: पिंकी चौधरी के जीवन के अंतिम दिनों का रहस्य
यह मामला इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि मृतका किरण देवी उर्फ पिंकी चौधरी एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर थीं। वह यूट्यूब और फेसबुक पर ‘पिंकी चौधरी’ के नाम से मारवाड़ी कॉमेडी और डांस के वीडियो पोस्ट करती थीं। उनके यूट्यूब पर 1500 सब्सक्राइबर और फेसबुक पर 7300 फॉलोअर थे। हैरानी की बात यह है कि वह 29 सितंबर के बाद से एकदम गायब थीं। उन्होंने कोई नया वीडियो नहीं डाला और न ही कोई पोस्ट की।
दो विवाह, दो तलाक और रेप केस का साया
पिंकी का जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा: 2006: गांव के ही नेमीचंद से लव मैरिज की। दोनों के एक बेटा सुमित और बेटी स्नेहा हुई। 2019 में तलाक। बाद में: प्राइवेट स्कूल टीचर शैलेश से दूसरी शादी। दो बेटे आयु और अविनाश हुए। पिछले साल: पिंकी ने शैलेश पर रेप का केस दर्ज कराया, जो झूठा पाया गया। इसके बाद दोनों अलग हो गए।
पुलिस जांच जारी, सोशल मीडिया डाटा की जांच
पुलिस अब भी इस बात की तहकीकात कर रही है कि आखिर पिंकी ने इतना भयानक कदम क्यों उठाया? क्या सिर्फ तलाक और आर्थिक तनाव कारण थे या कोई और रहस्य है? पुलिस ने पिंकी के मोबाइल, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट्स जब्त कर लिए हैं और उनकी चैट हिस्ट्री की जांच कर रही है।
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सवाल: क्या सोशल मीडिया की ‘पिंकी चौधरी’ और असल जिंदगी की किरण के बीच का अंतर ही उनकी मौत का कारण बना? यह मामला एक बार फिर समाज के सामने वो कड़वे सवाल लेकर आया है, जहां एक महिला दो शादियों, तलाक, आर्थिक संकट और शायद अकेलेपन की वजह से इतनी मजबूर हो गई कि उसने न सिर्फ खुद, बल्कि अपने मासूम बच्चों की जिंदगी तक खत्म कर दी।
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‘सोशल मीडिया पर मुस्कुराती पिंकी चौधरी’ की हकीकत अब एक ऐसी त्रासदी बन गई है, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया — आखिर इतनी एक्टिव, खुशमिजाज दिखने वाली महिला ने ऐसा कदम क्यों उठाया? यहीं नहीं राजस्थान के सीकर शहर में सामने आई मां और चार बच्चों की सामूहिक आत्महत्या की वारदात ने पूरे प्रदेश को हिला कर भी रखा हुआ हैं।
प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि खाने में जहर मिलाकर सामूहिक आत्महत्या की गई। फिर भी पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है — क्या यह आत्महत्या थी या मजबूरी में उठाया गया कदम, यह जांच के बाद स्पष्ट होगा। यह घटना मानव संवेदना, सामाजिक विडंबना और मानसिक तनाव जैसे गंभीर पहलुओं को दर्शाती है। अगर आप या आपका कोई परिचित तनाव में है, तो मदद लें — आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं।




















