जोधपुर : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से विधानसभा में कैमरा विवाद और विधानसभा अध्यक्ष पर की गई टिप्पणी पर कानून व संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि विधानसभा में किसी सदस्य की प्राइवेसी नहीं होती है. चाहे वह सत्ता पक्ष का विधायक हो या विपक्ष का विधायक हो, पुरुष महिला सदस्य सब साथ बैठते हैं. उनके आरोप पूर्ण रूप से गलत हैं.
रविवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए पटेल ने कहा कि जिस तरह के बयान कांग्रेस की तरफ से आए हैं यह उनके अंदर अंतर्कलह और घटिया मानसिकता को दर्शाता है. आप राजनीतिक दल एक दूसरे पर लगाते हैं, लेकिन स्पीकर जिसका चयन सभी लोगों ने मिलकर किया है उन पर आरोप लगाना किसी भी रूप में ठीक नहीं है. आरोपों का स्तर इतना नहीं गिराएं कि हम समाज के सामने नहीं जा सकें.
टीकाराम जूली के सीसीटीवी का एक्सेस कहीं और होने के आरोप पर पटेल ने कहा कि सीसीटीवी का एक्सेस कहीं और नहीं है, विधानसभा सचिवालय में ही है. अगर ऐसी बात है तो वह हर दिन हमें मिलते हैं, अध्यक्ष कक्ष में भी जाते हैं, लेकिन कभी उन्होंने यह बात नहीं बताई. विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद इस तरह के आरोप लगाना ठीक नहीं है. इसका जवाब विधानसभा अध्यक्ष ने भी दिया है. ऐसे आरोप लगाना घटिया मानसिकता और अंतर्कलह दर्शाता है, क्योंकि उनका दीया बुझने से पहले टिमटिमा रहा है.
फ्लोर की बजाय बाहर क्यों बोलते हैं? : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के विधानसभा कार्रवाई में नहीं आने के सवाल पर पटेल ने कहा कि अशोक गहलोत सहित कई वरिष्ठ नेता नहीं आ रहे हैं? यह लोग विधानसभा के फ्लोर की बजाय बाहर मीडिया के सामने ही बोलना पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि विधानसभा में बोलेंगे तो उस पर संज्ञान लिया जाएगा. इतिहास में दर्ज हो जाएगा, इसलिए सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए मीडिया में बोलते हैं. दूसरी ओर हमारे मुख्यमंत्री खुद लगातार सत्र की बैठकों में शामिल हुए, कार्यवाही में जवाब दिया. इसके चलते विपक्ष बौखलाया हुआ है. पटेल फिर स्पष्ट किया कि कैमरे नहीं बढ़ाए हैं सिर्फ अपग्रेड किए हैं.




















