बल्लभगढ़ (श्रेयांस बैद) विश्व रेबीज दिवस, जो हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है ये जानकारी देते हुए बोर्ड के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद ने बताया कि रेबीज की रोकथाम के भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सचिव डॉ एस के दत्ता द्वारा समस्त राज्यों के जिला कलेक्टर ,म्युनिसिपल कारपोरेशन एवं बोर्ड के मानद प्रतिनिधियों जारी पत्र में उन्होंने जागरूकता बढ़ाने और इस घातक लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी के खिलाफ समुदायों को एकजुट करने के लिए एक वैश्विक पहल हेतु आग्रह किया है जारी पत्र के अनुसार रेबीज एक 100% घातक लेकिन पूरी तरह से रोकथाम योग्य वायरल रोग है, जो आमतौर पर संक्रमित कुत्ते के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
इस वर्ष का विषय “अभी कार्रवाई करें: आप, मैं, समुदाय” है, जो मानव और पशु स्वास्थ्य दोनों की रक्षा में सभी हितधारकों की ज़िम्मेदारी को रेखांकित करता है।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) देश भर के राज्य पशु कल्याण बोर्डों, पशु कल्याण संगठनों (एनजीओ), शहरी स्थानीय निकायों, जिला पशुपालन विभागों, पशु कल्याण कार्यकर्ताओं और पशु प्रेमियों से विश्व रेबीज दिवस के पालन में सक्रिय रूप से भाग लेने और 2030 तक कुत्तों से फैलने वाले रेबीज के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के अनुरूप जागरूकता और टीकाकरण गतिविधियों का आयोजन करने का आग्रह करता है।
न्याय सब के लिए निःशुल्क विधिक सहायता की दृष्टि से’ विषय पर राष्ट्रीय फोटोग्राफी एवं कला प्रदर्शनी’ का आयोजन
1. सामूहिक कुत्ता टीकाकरण अभियान – सामुदायिक/आवारा और स्वामित्व वाले दोनों प्रकार के कुत्तों को कवर करने वाले अभियान।
11. एबीसी कार्यक्रमों को मजबूत करना, कुत्तों की आबादी का प्रबंधन, सहयोग से
Ⅲ. स्थानीय निकाय पालतू पशु एवं पशुधन टीकाकरण पालतू पशु मालिकों, डेयरी किसानों और पशुधन को प्रोत्साहित करना ।
IV मालिकों को पालतू जानवरों, मवेशियों और अन्य पशुओं का समय पर एंटी-रेबीज टीकाकरण सुनिश्चित करना होगा। पशु चिकित्सा अस्पतालों में पोस्टर, पर्चे और वीडियो का वितरण ।
जागरूकता फैलाने के लिए स्कूल, दूध संग्रह केंद्र, सामुदायिक हॉल। क्षमता निर्माण-पशु चिकित्सकों, पैरा-वेट्स के लिए प्रशिक्षण/पुनश्चर्या सत्र आयोजित करें।
स्कूल/कॉलेज सहभागिता बच्चों और युवाओं के लिए जागरूकता व्याख्यान, इंटरैक्टिव सत्र और गतिविधियाँ आयोजित करना।
गैर सरकारी संगठनों और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को रैबिका रोकथाम, काटने के प्रबंधन और कुत्तों के साथ मानवीय व्यवहार पर चर्चा करनी चाहिए।
प्रमुख जागरूकता विषय:
रेबीज के संचरण का तरीका और जोखिम क्या है?
कुत्तों के आसपास सुरक्षित व्यवहार, अपरिचित/आवारा कुत्तों के साथ जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार।
आक्रामक कुत्तों के प्रति प्रतिक्रिया स्वरूप सुरक्षित उपाय अपनाना।
कुत्ते के काटने/खरोंच के बाद प्राथमिक उपचार, घाव की तत्काल देखभाल, तथा चिकित्सीय सलाह।
आवारा या आक्रामक कुत्तों की रिपोर्ट करने की सामुदायिक जिम्मेदारी।
इन जागरूकता कार्यक्रमों के लिए उपयोग की जाने वाली विस्तृत आईईसी सामग्री और प्रोटोकॉल कृपया निम्नलिखित https://drive.google.com/drive/u/0/folders/lejyt5iS9LdNfuOL.46MZOPP30kOqSlaJD लिंक से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
सभी हितधारकों को रेबीज की रोकथाम पर व्यापक जागरूकता अभियान के साथ-साथ आवारा/पालतू कुत्तों के लिए नसबंदी/बंध्याकरण और बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान सुनिश्चित करके “रेबीज मुक्त भारत” का संदेश फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने विश्व रेबीज दिवस, 28 सितम्बर 2025 को आयोजित गतिविधियों की प्रेस क्लिपिंग, फोटोग्राफ और वीडियो बोर्ड के साथ साझा करने के लिए ताकि उन्हें AWBI के प्रकाशनों में प्रकाशित किया जा सके।




















