श्री डूंगरगढ़।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद् इकाई, श्रीडूॅंगरगढ़ की ओर से बुधवार शाम पांच बजे आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष में वाल्मीकि बस्ती में ही विचार गोष्ठी का कार्यक्रम रखा गया। इकाई अध्यक्ष भगवती पारीक ‘मनु’ ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ वाल्मीकि प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर दीप मंत्र के साथ हुआ जिसमें प्रान्त उपाध्यक्ष मोनिका गौड़, श्रीराम आश्रम के संत मोहनदास महाराज, खंड कार्यवाह पवन गोहितान, अधिवक्ता पुखराज तेजी, अनिल वाल्मीकि, पवन शर्मा व अम्बिका डागा शामिल हुए।
सानिध्य प्रदान कर रहे मोहनदास महाराज ने कहा आदि कवि महर्षि वाल्मीकि के संबंध में गलत तथ्य प्रस्तुत कर इतिहास में भ्रांतियां पैदा की गयी। महाराज ने वाल्मीकि के जीवन से जुड़े कई अनछूए पहलुओं से अवगत कराया।
मुख्य अतिथि के रूप में बीकानेर से पधारी राजस्थानी व हिन्दी की वरिष्ठ साहित्यकार मोनिका गौड़ ने अपने व्यक्तव्य में बताया कि रामायण में शबरी, निषादराज गुह, वानरराज सुग्रीव, रावण जैसे पात्रों के प्रति वाल्मीकि का निष्पक्ष दृष्टिकोण उनकी सामाजिक समानता की भावना को पुष्ट करता है। उनके यहाँ हर पात्र कर्म और भावना से मूल्यांकित होता है, न कि जातीय पहचान से।
इस प्रकार वाल्मीकि का काव्य केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि भारतीय समाज में समरसता, संवाद और समन्वय का शाश्वत शिलालेख है। आज के युग में जब समाज पुनः विभाजन और असमानता की चुनौतियों से जूझ रहा है, वाल्मीकि की यह समावेशी दृष्टि और अधिक प्रासंगिक हो उठती है।
विशिष्ट अतिथि पवन गोहितान ने वल्मीक शब्द का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाल्मीकि तपस्या से जुड़ा प्रसंग सुनाया। पुखराज तेजी ने अपने सम्बोधन में वाल्मीकि समुदाय के अपने धर्म पर अटल रहने को गौरव का विषय बताया साथ ही उन्होंने कहा कि किसी ने हमारे साथ भेदभाव नहीं किया हम चाहें तो मेहनत और शिक्षा से अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। धनराज तेजी ने निराकार व साकार राम का दोहे के माध्यम से जिक्र करते हुए मंच के समक्ष अपनी अनेक जिज्ञासाएं रखी। पवन शर्मा ने तमाम जिज्ञासाओं को शांत करते हुए श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण से जुड़े अनेक प्रसंग बताए।
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इकाई अध्यक्ष ने मनु ने आभार ज्ञापन के साथ ही साहित्य के लक्ष्य व उद्देश्यों के बारे में अवगत कराया। व परिषद् के आगामी कार्यक्रमों की सूचना दी। कार्यक्रम में परिषद् के पदाधिकारी, सदस्य एवं वाल्मीकि बस्ती से मंगतूराम मलघट, अनिल मलघट, राकेश मलघट, अशोक तेजी, ,रूप मलघट, मुजेश मलघट, शेट्टी वाल्मीकि, अमित कंडारा,श्रवण मलघट, विजय कुमार मलघट, विनीत राज तेजी, आलोक तेजी, काली देवी, लाली देवी, चंद्रकला वाल्मीकि, आशा, काला व गणेश आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सुन्दर संचालन अम्बिका डागा ने किया, अन्त में कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।




















