झालावाड़: जिले के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट को रविवार को बड़ा झटका लगा. यहां स्थापित दोनों 600-600 मेगावाट की इकाइयां तकनीकी खामियों के चलते पूरी तरह से बंद हो गईं. फिलहाल बिजली उत्पादन ठप होने की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में बॉयलर ट्यूब लीकेज होने के कयास लगाए जा रहे हैं. साथ ही, बिजली उत्पादन में आ रही दिक्कतों को ट्रेन की खुली बोगियों में आने वाले गीले कोयले से भी जोड़ा जा रहा है.
तकनीकी टीम कर रही जांच: कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के एक्सईएन आर. के. पाडलिया ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को तकनीकी खराबी के कारण दोनों इकाइयां बंद हो गई थीं. उन्होंने कहा कि इनमें से एक यूनिट को कुछ घंटों के भीतर लाइट अप कर दिया गया है, जबकि दूसरी 600 मेगावाट की इकाई को भी जल्द चालू करने का प्रयास किया जा रहा है. पाडलिया ने यह भी बताया कि दोनों यूनिटों के अचानक बंद होने की वजह की जांच की जा रही है और टेक्नीशियन इसकी जानकारी जुटाने में लगे हैं.
बिजली उत्पादन पर असर: कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट राजस्थान का एक प्रमुख विद्युत उत्पादन केंद्र है. यहां अन्य राज्यों से कोयला लाकर बिजली उत्पादन किया जाता है. प्लांट में दो इकाइयां 600-600 मेगावाट की स्थापित हैं और यहां से कुल 1200 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है. अचानक बंद होने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है, हालांकि एक यूनिट चालू कर आंशिक उत्पादन शुरू कर दिया गया है.
जल्द शुरू होगा उत्पादन: प्लांट के एक्सईएन का कहना है कि तकनीकी टीम पूरी कोशिश कर रही है कि बंद इकाई को जल्द लाइट अप कर उत्पादन शुरू किया जाए. इससे बिजली आपूर्ति में आ रही कठिनाइयां दूर की जा सकेंगी. प्लांट राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अधीन है और राज्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है.




















