सरदारशहर में फर्जी प्रमाण पत्र से चुनाव लड़ने पर सरपंच को तीन का कारावास
एसीजेएम कोर्ट ने आठवीं कक्षा का फर्जी प्रमाण-पत्र पेश कर 2015 में चुनाव लड़ने के मामले में दोषी रंगाईसर ग्राम पंचायत की तत्कालीन सरपंच संतोष देवी को तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। आरोपी संतोष देवी चूरू जिला दुग्ध उत्पादक संघ सरदारशहर के चेयरमैन लालचंद मूंड की पत्नी है। कोर्ट ने संतोष देवी को फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले सरस्वती उप्रावि, ढिगारला (राजगढ़) के तत्कालीन प्रधानाध्यापक लीलाधर पूनिया को भी तीन वर्ष की सजा सुनाई।
मामले के अनुसार चुनाव में सरपंच पद की पराजित प्रत्याशी कमला ने थाने में परिवाद पेश किया था कि रंगाईसर पंचायत सरपंच के लिए 1 फरवरी, 2015 को हुए चुनाव में संतोष देवी द्वारा निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होने की मिथ्या घोषणा व फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया गया है। पुलिस जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर संतोष व फर्जी प्रमाण-पत्र जारी करने के आरोपी प्रधानाध्यापक लीलाधर निवासी मूंदी बड़ी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से 15 गवाह तथा 45 दस्तावेज पेश किए गए।
एसीजेएम नवनीत गोदारा ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद निर्णय में कहा कि संतोष देवी ने इस स्कूल में 1998-99 में आठवीं उत्तीर्ण होना बताया, जबकि उस समय इस स्कूल को मान्यता ही प्राप्त नहीं थी। ना ही आरोपी ने यहां पढ़ाई कर आठवीं कक्षा पास की। आरोपी ने फर्जी प्रमाण पत्र से चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी की व निर्वाचित भी घोषित हुई, जो गंभीर प्रकृति का अपराध है। कोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्र पेश कर निर्वाचन अधिकारी से धोखाधड़ी करने, दस्तावेजों की कूटरचना करने, फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने आदि अपराध साबित मानते हुए संतोष देवी व लीलाधर को भादंसं की धारा 199, 200, 420, 465, 467, 468, 471 में दोषी मानते हुए तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई। मामले को लेकर सहायक अभियोजन अधिकारी डॉ. प्रकाश गढ़वाल ने पैरवी की। उल्लेखनीय है कि प्रधानाध्यापक लीलाधर ने चार-पांच वर्ष पहले स्कूल को बंद कर दिया है।




















