दौसा: जिले में लगातार हो रही बारिश अब आफत का रूप ले चुकी है. शहर से लेकर गांव तक हर जगह पानी-पानी का नजारा है. कई जगहों पर सड़कें टूट चुकी हैं और पगडंडियां बह गई हैं. हजारों लोगों का आवागमन ठप हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं.
किसानों की मेहनत पर पानी: इस बारिश का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ा है. खेतों में खड़ी फसलें लगातार पानी में डूबकर नष्ट हो गई हैं. किसानों ने दिन-रात मेहनत से तैयार की गई फसल को बचाने की कोशिश की, लेकिन लगातार बारिश ने उनकी सारी उम्मीदें तोड़ दी हैं. इन्हीं हालातों के बीच रविवार को लवाण कस्बे के ढिगारिया गांव में 50 वर्षीय किसान गजानंद शर्मा ने आत्महत्या कर ली. फसल खराब होने और आर्थिक संकट से परेशान गजानंद ने घर के कमरे में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया.
लवाण थाने के हेड कांस्टेबल रघुवीर सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों ने रिपोर्ट दी है, जिसके आधार पर मृग में रिपोर्ट दर्ज कर ली है. रिपोर्ट के अनुसार मृतक फसल खराब होने की वजह से वह अवसाद में था, जिसके चलते उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. उन्होंने बताया कि फिलहाल मृग दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच में जो भी सामने आएगा, उच्चाधिकारियों को उससे अवगत कराया जाएगा.
बेटे और ग्रामीणों का बयान: मृतक किसान के बेटे ने बताया कि बारिश से पूरी फसल चौपट हो गई थी. पिता लगातार सदमे में रहने लगे थे और कहते थे कि फसल खराब होने से आर्थिक बोझ बढ़ गया है. रविवार को उन्होंने कमरे में फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. ग्रामीणों ने भी बताया कि वह लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे थे और अब फसल बर्बाद होने के बाद उनके पास कोई सहारा नहीं बचा.
गांव में शोक और प्रशासन से मांग: इस घटना से पूरे गांव में मातम छा गया है. ग्रामीणों और किसानों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता देने की मांग की है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने अब किसानों की सुध नहीं ली तो हालात और भयावह हो जाएंगे. दौसा की यह तस्वीर सिर्फ एक जिले की कहानी नहीं बल्कि एक गहरी चिंता है, क्या किसान हमेशा कुदरत की मार और आर्थिक संकट के बीच संघर्ष करते रहेंगे या सरकार और प्रशासन उनकी जिंदगी में राहत की किरण लेकर आएंगे?




















