भीलवाड़ा: जिले में बीते दो दिनों से मानसून पूरी तरह सक्रिय है. शनिवार रात्रि से ही पूरे जिले में कहीं मूसलाधार तो कहीं रिमझिम का दौर जारी है. पिछले 24 घंटे में बनेड़ा में 156 मिलीमीटर दर्ज की गई है, जो पूरे जिले में सबसे ज्यादा है. सिंचाई विभाग के 60 तालाबों व बांधों में से 36 ओवरफ्लो हो चुके हैं. शेष 24 बांध भी लगभग भरने की स्थिति में ही है. जिला प्रशासन ने बांधों, तालाबों व नदियों के पास नहीं जाने की सलाह दी है.
जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने शनिवार को पूरे जिले के समस्त सरकारी व निजी विद्यालयों में अवकाश की घोषणा की थी. बीते चौबीस घंटों में जिले के बनेड़ा में 156 मिमी, कोठारी बांध पर 154 मिमी, खारी बांध पर 132 मिमी, सरेरी बांध पर 93 मिमी, भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर 111 मिमी, कोटड़ी में 122 मिमी और माण्डल में 107 मिमी बारिश दर्ज की गई. इस सीजन की अब तक सबसे अधिक बारिश जैतपुरा बांध पर 1977 मिलीमीटर दर्ज की गई है.
बारिश के कारण जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है. कई जगहों पर जलभराव की स्थिति है. इस समस्या से निपटने के लिए जिला कलेक्टर संधू ने नगर निगम, पंचायत राज एवं निकाय के अधिकारियों को पानी निकासी की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
नदियां भी उफान पर: राजसमंद, चित्तौड़गढ़ व उदयपुर जिलों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण जिले से गुजरने वाली खारी, नेखाड़ी, मानसी, बनास, कोठारी, त्रिवेणी और मेनाली नदियों में भारी मात्रा में पानी आ रहा है. बनास नदी वेग से बह रही है, जिसका पानी टोंक जिले के प्रमुख बीसलपुर बांध में पहुंच रहा है. बीसलपुर बांध से भी लगातार पानी की निकासी की जा रही है. नदियों में पानी का स्तर बढ़ने के चलते, नदी क्षेत्र से गुजरने वाले रास्तों पर पुलिस एवं प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर आवाजाही रोक दी है.
फसलों में हुआ खराबा: बारिश के कारण जिले के किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है. खरीफ के सीजन में किसानों ने मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, ज्वार, सोयाबीन, मक्का और कपास की बुवाई की गई थी, लेकिन कपास को छोड़कर अन्य सभी फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है.




















