जयपुर: प्रदेश भर में लगातार जारी बारिश के दौर के बीच प्रमुख बांधों से पानी की निकासी जारी है. टोंक जिले में राजधानी जयपुर समेत तीन जिलों की लाइफलाइन बीसलपुर बांध के 8 गेट खोलकर 12 हजार 200 क्यूसेक से भी ज्यादा पानी की निकासी की जा रही है. बांध के गेट नंबर 7 से 14 तक पानी की निकासी जारी है. बांध के 4 गेट 2-2 मीटर और बाकी 4 गेट 3-3 मीटर खोलकर पानी निकाला जा रहा है. बांध में पानी का मुख्य स्रोत त्रिवेणी नदी 4.70 मीटर उफान पर बह रही है. बनास नदी में एकाएक पानी की आवक से बांध के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश को देखते लोगों को सतर्क रहने को कहा गया. जिला प्रशासन ने लोगों से नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहने की अपील की.
जवाई बांध के खुलेंगे गेट: पाली के सुमेरपुर स्थित जवाई बांध का एक गेट आज खोला जाएगा. जिला प्रशासन ने लगातार पानी की आवक देखते हुए एक गेट आधा इंच खोलने का निर्णय लिया. जिला कलेक्टर एलएन मंत्री ने बताया कि फिलहाल जवाई बांध में जलस्तर 59 फीट हो चुका और 61.25 फीट बांध की कुल भराव क्षमता है. प्रशासनिक अधिकारी बांध के गेट खोले जाने के दौरान मौजूद रहेंगे. बांध को लेकर व्यापक स्तर पर सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं. 13 फाटक के ऊपर से लगातार पानी छलक रहा है. इस नजारे को देखने बड़ी संख्या में लोग जवाई बांध पहुंच रहे हैं. जल संसाधन विभाग ने पाली-जालौर-सिरोही प्रशासन को अलर्ट किया. सेई बांध और नालों से तेज आवक जारी है. इस वजह से जवाई बांध के गेट खोले जाएंगे. इससे पहले अब तक बांध के गेट 9 बार खुले हैं. इस बार 10वां मौका होगा. जवाई के गेट खुलने से किसानों को बड़ा लाभ होगा.
पार्वती बांध से छोड़ा पानी: धौलपुर जिले के पार्वती बांध से पानी की निकासी जारी है. बांध के 3 गेटों को करीब 2-2 फीट खोलकर 3301 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. पार्वती बांध का वर्तमान जलस्तर 223 मीटर पर पहुंचा है. बांध की कुल भराव क्षमता 223.41 मीटर है. सिंचाई विभाग के जेईएन सुशील गुर्जर सहित पुलिस जाप्ता बांध पर मौजूद है.
पायलट ने की मांग: पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में भारी बरसात के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जो अत्यंत चिंताजनक है. अतिवृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसल और पशुधन का भी काफी नुकसान होने से हमारे किसान भाइयों के सामने संकट है. किसानों पर प्रकृति की यह दोहरी मार दुखद है. मेरा सरकार से आग्रह है कि किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हें जल्द संबल देने के लिए फसल खराबे का उचित मुआवजा और विशेष राहत पैकेज देने को अति शीघ्र आवश्यक कदम उठाएं.




















