बाड़मेर: जिले के भुरटिया गांव की बेटी सुशीला खोथ ने चीन में हुए एशिया कप रग्बी फुटबॉल अंडर-19 में देश-प्रदेश का नाम रोशन किया. हाल में चीन में हुए एशिया कप में भारत चौथे स्थान पर रहा. इसमें भाग लेकर लौटी सुशीला की आंखों में अपने संघर्ष को याद करते ही आंसू निकल आए. चीन से लौटी सुशीला का गांव में भव्य स्वागत हुआ. सुशीला ने बताया कि माता-पिता, दादा-दादी ने लोगों के खूब ताने सुने, लेकिन परिवार ने पूरा भरोसा जताया और खेलने की आजादी दी.
मुश्किल था महंगा किट खरीदना : सुशीला खोथ ने बताया कि रग्बी फुटबॉल में चयन के बाद बाहर जाना और महंगा किट खरीदना परिवार के लिए मुश्किल था. परिवार ने बेटी के सपने को पूरा करने के लिए बकरियां बेचकर किट और अन्य सामान का इंतजाम किया. गांव में बेटियों को बाहर नहीं भेजते. इसके लिए लोगों ने खूब ताने दिए लेकिन मेरे परिवार ने तानों को नजरअंदाज किया. मेरे मम्मी-पापा ने मुझसे ज्यादा संघर्ष किया. मुझे चीन खेलने भेजा.
चौथे स्थान पर रहा भारत: सुशीला ने बताया कि एशिया कप में 11 टीमों ने भाग लिया. तीसरे स्थान के लिए भारत हांगकांग से दो पॉइंट से हार गया. भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही. सुशीला को मेडल नहीं जीत पाने का अफसोस है, लेकिन अगली बार पदक का विश्वास भी है.
पहली बार रग्बी फुटबॉल देख हंसी: सुशीला ने बताया कि वर्ष 2022 में स्कूल में अध्यापक कौशलाराम विराट और राणाराम ने रग्बी फुटबॉल शुरू कराई. पहली बार जब रग्बी नाम सुना तो हम सबके बच्चे हंसने लगे और रग्बी फुटबॉल अलग गेम था. इसके बाद धीरे धीरे इस गेम के बारे में जानने लगे और टीचर ने प्रैक्टिस कराई.
गांव में बने ग्रांउड : सुशीला ने बताया कि गांव में मैदान नहीं है. कोच कोशलाराम और ग्राउंड कोच मोहन भाई ने प्रैक्टिस कराई और किराए पर ग्राउंड लिया. गांव में ग्राउंड बन जाए तो और बेटियों को रग्बी फुटबॉल सिखाएगी. मैं इंडिया के लिए खेल सकती हूं तो और भी बेटियां खेल सकती हैं. उन्हें रसोई तक सीमित नहीं रखें, कुछ कर दिखाने का मौका दें और बाहर भेजें. आज बेटियां बेटों से आगे बढ़ रही हैं. बेटियां भी माता-पिता के भरोसे को कायम रखें.
थार को गर्व: बायतु विधायक हरीश चौधरी ने गुरुवार को भुरटिया पहुंच सुशीला को बधाई दी और सुशीला को साफा पहनाया. चौधरी ने कहा कि सुशीला ने थार ही नहीं, पूरे भारत का नाम रोशन किया. सुशीला ने कठिन परिश्रम, साहस और समर्पण से भारतीय टीम में जगह बनाई. उनकी कामयाबी क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी. सबके लिए गर्व का विषय है कि थार की बेटियां आज हर क्षेत्र में भारत का परचम लहरा रही हैं.




















