बिहार चुनाव : तेजस्वी और नीतीश के बीच कांटे की टक्कर, बहुमत नही मिला तो क्या होगा
बिहार में मंगलवार का दिन फैसले (Bihar Assembly Election Results 2020) का है. माना जा रहा है कि दोपहर 1 बजे तक स्पष्ट हो जाएगा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में से किसके पास राज्य की कमान होगी. 7 नवंबर को मतदान का आखिरी चरण संपन्न होने के बाद आए एग्जिट पोल में राष्ट्रीय जनता दल की अगुआई में पांच दलों के महागठबंधन की सरकार बनने की संभावना जताई गई. हालांकि समाचार लिखे जाने तक दोनों गठबंधनों में कांटे की टक्कर दिख रही है. मंगलवार 10 बजे तक 243 में से सीटों में से 202 के रुझान आ चुके थे. इसमें जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन (JDU-BJP) पर 95 आगे है तो वहीं राजद की अगुआई वाला महागठबंधन (Mahagathbandhan) 100 सीटों पर आगे हैं. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी 4 सीट और 3 अन्य सीटों पर आगे हैं.
मौजूदा आंकड़ों में यह स्पष्ट दिख रहा है कि राजद या जदयू में किसी ना किसी को किसी मदद की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में अगर किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो निर्दलीय अहम भूमिका निभा सकते हैं. अगर कोई पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा.
क्या है राजनीतिक दलों का हाल?
मतदान के बाद आए एग्जिट पोल्स में दावा किया जा रहा है कि एनडीए 104 से 128 सीटों पर जीत दर्ज कर सकता है तो वहीं महागठबंधन के खाते में 130 सीटें तक आ सकती हैं. एबीपी सी वोटर सर्वे में JDU की 38 से 46 सीटें तक आ सकती हैं वहीं बीजेपी की 55-74 सीटें आ सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो एनडीए और राजद की अगुआई वाला महागठबंधन दोनों ही बहुमत के मैजिक नंबर से पीछे रह जाएंगे और फिर हंग असेंबली की स्थिति में निर्दलीयों की भूमिका बढ़ जाएगी.
बिहार में परिणाम और रुझान आने के बीच अलग-अलग पार्टी दफ्तरों और नेताओं के आवास के हाल जुदा हैं. पटना स्थित बीजेपी कार्यालय पर कई बड़े नेता तो आए लेकिन उन्होंने शुरुआती रुझानों के आधार पर पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया. वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने अपने-नेताओं प्रवक्ताओं को संयम में रह कर बोलने की हिदायत दी है.