जयपुर: तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल ने हमारे जीवन को काफी हद तक प्रभावित किया है. आज देश में डिजिटल भुगतान का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है. डिजिटल पेमेंट (यूपीआई से भुगतान) आज एक बड़े तबके के जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. हर छोटे-बड़े भुगतान के लिए लोग यूपीआई पेमेंट का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन डिजिटल भुगतान करते समय जल्दबाजी या छोटी सी चूक कभी-कभी भारी पड़ सकती है. जब आपका पैसा गलत नंबर पर चला जाए. ऐसे में लोग घबरा जाते हैं.
ऐसे मौकों पर अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आईजी (साइबर क्राइम) शरत कविराज के निर्देशन में राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने ऐसे मामलों से के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है. एसपी (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि अगर गलती से आपने किसी गलत खाते में ऑनलाइन भुगतान कर दिया है तो घबराएं नहीं. आपकी रकम वापस मिल सकती है. इसके लिए कुछ आसन स्टेप्स को फॉलो करने पर आपकी रकम आपके खाते में वापस आ जाएगी.
तीन दिन के भीतर शिकायत करना जरूरी : एसपी शांतनु कुमार ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि गलती से गलत खाते में पैसे चले जाते हैं तो इसकी शिकायत भुगतान होने के तीन दिन के भीतर करनी अनिवार्य है. इसलिए समय पर कार्रवाई करना बेहद महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा- टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करवाने के बाद अपने बैंक की ब्रांच में जाकर फोर्मलिटी पूरी करने की कार्रवाई करना भी बेहद जरूरी है. एसपी सिंह ने बताया कि डिजिटल लेन-देन करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए. कुछ सरल और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों का पालन करके आप न केवल अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि साइबर अपराधों से भी बच सकते हैं.
युवती के खाते में वापस आए छह हजार रुपए : राजधानी जयपुर में पिछले दिनों एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें जल्दबाजी में एक युवती ने छह हजार रुपए किसी अनजान शख्स को ट्रांसफर कर दिए. उसने तत्काल इस संबंध में साइबर थाना पुलिस को शिकायत दी. साइबर थाना पुलिस ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाने और बैंक की प्रक्रिया पूरी करवाने में मदद की. इसके बाद युवती के बैंक खाते में छह हजार रुपए वापस आ गए.




















