राजस्थान में आने वाले समय में स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने हैं. हालांकि अभी तक इनकी कोई संभावित तारीखें भी सामने नहीं आई है. लेकिन सूबे की भजनलाल सरकार ‘एक राज्य-एक चुनाव’ मोड पर आगे बढ़ रही है. चुनावों से पहले परिसीमन का कार्य चल रहा है. परिसीमन को लेकर हाय तौबा मची हुई है. विरोध और मांग के स्वर तेज हो रहे हैं. धमकियां का दौर भी चल रहा है. लेकिन इस बीच बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी-अपनी पार्टियों को जमीन स्तर पर धार देने की तैयारियां शुरू कर दी है.
बीजेपी ने हाल ही में अपने संगठन के ढांचे को दुरुरत और पूरा करने के तहत प्रदेश के शेष बच रहे चार जिलों दौसा, धौलपुर, झुंझुनूं और जोधपुर देहात उत्तर में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है. इसके साथ ही बीजेपी संगठन के अपने सभी 44 जिलों में जिलाध्यक्षों की तैनाती कर चुकी है. वह कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए मैदान में उतार चुकी है. संगठन स्तर पर और भी कार्य किए जा रहे हैं. स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों के लिए योद्धाओें को तैयार किया जा रहा है.
कांग्रेस ने शुरू किया सुस्त पड़ी ईकाइयों को जगाना
बीजेपी के इस कदम के बाद कांग्रेस भी अब संगठन को पैना करने में जुट गई है. राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पार्टी की सुस्त पड़ी ईकाइयों को जगाना शुरू कर दिया है. इसके तहत प्रदेश के 17 ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनसे 7 दिन में नोटिस का जवाब मांगा गया है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने उनको नोटिस जारी कर पूछा है कि वे संगठन के कार्यों के प्रति उदासीन क्यों हैं? संगठन की गतिविधियों में सक्रियता क्यों नहीं दिखा रहे हैं.
बीजेपी के इस कदम के बाद कांग्रेस भी अब संगठन को पैना करने में जुट गई है. राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पार्टी की सुस्त पड़ी ईकाइयों को जगाना शुरू कर दिया है. इसके तहत प्रदेश के 17 ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनसे 7 दिन में नोटिस का जवाब मांगा गया है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने उनको नोटिस जारी कर पूछा है कि वे संगठन के कार्यों के प्रति उदासीन क्यों हैं? संगठन की गतिविधियों में सक्रियता क्यों नहीं दिखा रहे हैं.




















