कोटा : रेल यात्रा में पहले तो कंफर्म टिकट मिलना ही मुश्किल होता है, इसके बावजूद जो लोग समय से टिकट कर लेते हैं या फिर तत्काल में भी टिकट लेते हैं, उनको ट्रेनों में सीट पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. ये हालत अप-डाउनर के चलते भी बिगड़ जाते हैं. इसके अलावा त्योहारी सीजन में भीड़ बढ़ जाने के चलते भी समस्या खड़ी हो जाती है. कोटा रेल मंडल में ऐसे ही लगभग डेढ़ दर्जन शिकायतें रोज मिल रही हैं. साल की यह करीब 6000 के आसपास शिकायतें आ रही हैं. यह शिकायत ज्यादातर कोटा रेल मंडल में सुबह और शाम के समय रेल मदद ऐप पर लगातार फोन या सोशल मीडिया के जरिए मिलती है, जिनसे रेल मदद के जरिए डील किया जा रहा है.
इस रूट पर ज्यादा समस्या : ज्यादातर असुविधा दिल्ली से मथुरा, जयपुर से सवाई माधोपुर और भवानी मंडी से कोटा के बीच आते और जाते समय हो रही है. यह समस्या सोमवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन और बढ़ जाती है. इसके साथ ही छुट्टी आने पर भी यात्रियों को परेशानी होती है. दूसरी तरफ अप-डाउनर के ग्रुप में होने के चलते यात्रियों के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है. यहां तक कि ट्रेन में भीड़ ज्यादा होने के चलते टीटी भी यात्री को सीट दिलाने में असहज महसूस करते हैं. यात्री अजीत शर्मा मेवाड़ एक्सप्रेस में दिल्ली से बैठे थे. उन्होंने 8 अगस्त को एसी कोच में भी भयंकर भीड़ होने की शिकायत की, लेकिन उनके अनुसार कोई समाधान नहीं मिला.
साल की 6000 शिकायत, समाधान में लगता है समय : कोटा रेल मंडल में रेल मदद ऐप के जरिए करीब 6000 के आसपास सालाना शिकायत रिजर्व कोच में दूसरे यात्रियों के प्रवेश करने की आ रही है. इस हिसाब से रोज करीब 18 से 20 शिकायतें रेलवे को मिल रही है. यह तो वही शिकायतें हैं, जिन्हें दर्ज किया जा रहा है. कई बार शिकायतों पर रेलवे एक्शन लेता है, लेकिन ट्रेनों के स्टॉपेज ही लंबे होने के चलते यात्री को तत्काल राहत नहीं मिलती है. आरपीएफ की टीम ट्रेन के कोच तक पहुंचती है, लेकिन ट्रेन का स्टॉपेज ही 2 मिनट का होता है. ऐसे में केवल फॉर्मेलिटी ही हो पाती है. यात्री हंसराज सुमन जयपुर से ट्रेन नंबर 19808 सिरसा कोटा में बैठे थे. उन्होंने कंफर्म टिकट पर भी सीट नहीं मिलने की शिकायत की, लेकिन कोई टीटी नहीं आया. आरपीएफ का जवान आया, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के चलते वह भी कुछ नहीं कर पाया.
स्लीपर ही नहीं एसी कोच में भी चढ़ जाते हैं : इन शिकायतों में रिजर्वेशन कोच में बड़ी संख्या में दूसरे यात्रियों का प्रवेश करना, रिजर्व सीट होने के बावजूद भी पूरी सुविधा नहीं मिल पाना, भारी भीड़ होने के चलते टॉयलेट तक भी रिजर्वेशन वाले यात्री का नहीं पहुंचाना सहित कई शिकायते हैं. बड़ी संख्या में यात्री प्रवेश कर जाते हैं. ट्रेन का स्टॉपेज बल्लभगढ़ और कोसीकला में दिया हुआ है, जिसके चलते अब डाउनलोड इन दोनों स्टेशन से मथुरा तक बड़ी संख्या में आते हैं. यात्री मथुरा तक के लिए चढ़ जाते हैं. ज्यादा यात्रा होने पर यह स्लीपर और एसी कोच में भी चढ़ जाते हैं. रेलयात्री सोमेंद्र शर्मा ने जयपुर से कोटा के बीच 7 अगस्त को सफर कर रहे थे, इस दौरान शाम 6:30 बजे भारी भीड़ थी. जयपुर से निकलने के बात शिकायत की, समाधान 8 बजे के आसपास सवाई माधोपुर में उन्हें आरपीएफ ने दिलाया.
इन ट्रेनों में बनी हुई है बड़ी परेशानी
- ट्रेन नंबर 12963 हजरत निजामुद्दीन उदयपुर सिटी मेवाड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में दिल्ली से मथुरा के बीच बल्लभगढ़ और कोसीकला स्टेशन.
- ट्रेन नंबर 19020 में हरिद्वार बांद्रा टर्मिनस ट्रेन में दिल्ली से मथुरा के बीच फरीदाबाद व कोसीकला स्टेशन पर.
- ट्रेन नंबर 12926 में पश्चिम एक्सप्रेस में दिल्ली से मथुरा के बीच फरीदाबाद स्टेशन से.
- ट्रेन नंबर 12182 दयोदय एक्सप्रेस में जयपुर से सवाई माधोपुर के बीच दुर्गापुरा व वनस्थली स्टेशन.
- ट्रेन नंबर 12465 में इंदौर जोधपुर ट्रेन में सवाई माधोपुर से जयपुर के बीच ईसरदा, चौथ का बरवाड़ा और वनस्थली निवाई स्टेशन से.
- ट्रेन नंबर 12466 जोधपुर इंदौर ट्रेन में जयपुर से सवाई माधोपुर के बीच.
- ट्रेन नंबर 19037 अवध एक्सप्रेस में सवाई माधोपुर से बयाना.
- ट्रेन नंबर 19019 बंदा टर्मिनस से हरिद्वार में भवानी मंडी से कोटा के बीच.
- ट्रेन नंबर 12963 उदयपुर सिटी हजरत निजामुद्दीन मेवाड़ एक्सप्रेस में चित्तौड़गढ़ से कोटा के बीच पूरे सावन के महीने में समस्या आई है.
सीनियर डीसीएम सौरभ जैन से सीधी बातचीत
सवाल : रिजर्वेशन कोच में यात्रियों के घुसने की शिकायत बढ़ गई है?
जवाब: इन शिकायतों को न्यू सेंस में काउंट किया जाता है और काफी शिकायत इनकी आ रही है.
सवाल : कितनी शिकायत आती होगी?
जवाब: अलग-अलग आती हैं. जब भीड़ या त्योहार का समय रहता है, तब ज्यादा आती हैं, लेकिन आती ही हैं.
सवाल : क्या कारण है इन शिकायतों का?
जवाब: कोटा डिवीजन बीच में पड़ता है. दिल्ली से मथुरा या जयपुर से सवाई माधोपुर के बीच लोग चढ़ गए. यहां कोटा रेल मंडल वर्किंग की है, इसलिए शिकायत कोटा रेल मंडल में आ रही है.
सवाल : क्या प्रयास रहता है इन पर?
जवाब: जहां तक हो सकता है आरपीएफ की मदद लेकर रिजर्व कोच से यात्रियों को उतारा जाता है. इसके अलावा जुर्माना व अलग-अलग तरीके से इन्हें डील किया जाता है.
सवाल : स्थाई समाधान क्या हो सकता है?
जवाब : स्थाई समाधान यही है कि नई ट्रेन चलाई जाती है. कोच बढ़ाए जाते हैं. वेटिंग लिस्ट भी रेलवे ने फिलहाल कम कर दी है. इसके अलावा जनरल के कोच बढ़ाए जाते हैं.
सवाल : फिर भी समस्या जस की तस बनी है?
जवाब : कोटा में नई पिट लाइन बढ़ जाएंगी तो ट्रेन बढ़ जाएंगी. ज्यादा गाड़ियां चलेंगी. कोटा के यात्रियों के लिए सुविधा रहेगी.




















