बूंदी : मंगलवार दोपहर को अचानक हुई तेज बारिश ने बूंदी शहर और आसपास के इलाकों में हाहाकार मचा दिया. करीब एक घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश ने सड़कों को नदियों में तब्दील कर दिया. नालों में उफान आ गया और कई इलाकों में पानी भर गया. इस बीच अलोद गांव की मेज नदी में बड़ा हादसा हो गया. नहाने गए तीन किशोर अचानक आए तेज बहाव में बह गए. ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए दो बच्चों को तो बचा लिया, लेकिन तीसरे की तलाश अब भी जारी है.
हादसे की दर्दनाक दास्तान : गांव अलोद में रहने वाला वसीम (15) पुत्र हुसैन अपने दोस्तों अल्फेज और मुबारिक के साथ दोपहर बाद मेज नदी पर नहाने गया था. बारिश से पहले नदी सामान्य बहाव में थी, लेकिन अचानक बारिश के बाद जैसे हालात बने और नदी में तेज पानी आ गया. तीनों किशोर तेज बहाव में फंसकर बहने लगे. आसपास मौजूद ग्रामीणों ने शोर सुनकर दौड़ लगाई और अल्फेज व मुबारिक को तो रस्सियों व लकड़ी की मदद से बाहर निकाल लिया, लेकिन वसीम बहाव में दूर निकल गया. सूचना मिलते ही दबलाना थाना पुलिस, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर पहुंचीं. कई घंटे तक सर्च अभियान चलाया गया. पुलिस उपाधीक्षक अजीत मेघवंशी ने बताया कि रेस्क्यू दल लगातार नदी में तलाश कर रहा है. लेकिन अब तक वसीम का सुराग नहीं लग सका है.
बाढ़ के हालात से बढ़ा खतरा : बूंदी जिला पिछले कई दिनों से बाढ़ जैसी स्थिति झेल रहा है. नैनवा और लाखेरी उपखंड में नदियों और नालों के उफान से दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके थे. सड़कें टूटी-पड़ी हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क कटा हुआ है. कई बिजली के पोल और कई ट्रांसफॉर्मर ढह जाने से कुछ गांवों में अंधेरा पसरा है. खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. जिला प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहा है. जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने हाल ही में आपदा क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को राहत व बचाव के निर्देश दिए. सेना और एसडीआरएफ की टीमें कई गांवों में रेस्क्यू कर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी हैं.




















