झालावाड़: कोटा-झालावाड़ के बीच नेशनल हाईवे नंबर 52 पर दरा की नाल में जाम से निजात के लिए भारी वाहनों को अब डाइवर्ट रूट से निकाला जा रहा है. प्रशासन ने परिवर्तित मार्ग तय किया, लेकिन भारी वाहनों को डायवर्ट रूट पर निकालने से मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक दोगुना हो गया. ऐसे में इन रास्तों पर लगातार वाहन हादसे का शिकार हो रहे हैं. रोड पर ट्रैफिक बढ़ने से सड़क किनारे भारी वाहनों की कतारें लग रही हैं. इसके चलते मुख्य मार्ग से रोजाना गुजरने वाले मुसाफिरों को भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ रहा है. डायवर्ट रोड पर भारी वाहनों के प्रवेश से वाहन रेंगकर चलने को मजबूर हैं. वहीं, बारां-झालावाड़ मेगा हाईवे के बीच बाघेर की घाटी में हादसे बढ़ रहे हैं. इस बीच, रूट डायवर्ट करने से कोटा-झालावाड़ के बीच दूरी बढ़ गई. रोडवेज यात्रियों की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ रही है. इससे यात्रियों का समय खराब हो रहा है और रोडवेज प्रशासन को डीजल का नुकसान हो रहा है. रोडवेज प्रशासन का कहना है कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो किराया बढ़ाना पड़ सकता है.
खानपुर थाना प्रभारी रविंद्र सिंह ने बताया कि कोटा-झालावाड़ के बीच दरा की नाल पर जाम से राहत के लिए भारी वाहनों को डायवर्ट किया है. झालावाड़ से कोटा आने वाले भारी वाहन दरा जंगल ना जाकर खानपुर वाया बपावर कलां, सांगोद होते कोटा पहुंच रहे हैं. वहीं, अन्य डायवर्ट रूट सुकेत, रामगंज मंडी, चेचट, रावतभाटा होते कोटा तय किया है. दूसरी ओर कोटा से झालावाड़ जाने वाले भारी वाहनों को कोटा से बारां, बारां से बपावर कलां, बपावर कलां से खानुपर होते झालावाड़ जाने के निर्देश दिए हैं. बारां-झालावाड़ मेगा हाईवे पर डायवर्जन के बाद वाहनों की आवाजाही बढ़ी है. ऐसे में पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड्स लगाकर ट्रैफिक को नियंत्रित किया है. वाहन चालकों को अपनी लेन में चलने की सख्त हिदायत दी जा रही है.
10 किमी का सफर: गत दिनों कोटा पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सुजीत शंकर ने निर्देश दिया था कि दरा स्टेशन से कमलापुर के बीच 10 किमी एरिया पर सड़क मार्ग संकरा होने के कारण भारी वाहनों का दबाव रहता है. ऐसे में कई बार लोडिंग वाहन रास्ते में खराब होने के कारण जाम के हालात पैदा होते हैं. आमजन की सुरक्षा देखते ट्रैफिक रूट को डायवर्ट किया है. प्रशासन ने कोटा-झालावाड़ के बीच ट्रैफिक डायवर्ट करने के कारण अब इस रूट पर केवल हल्के चौपहिया और इमरजेंसी वाहनों को निकलने दिया जा रहा है. भारी वाहनों को डाइवर्ट करने से अब दरा घाटी में लगने वाले जाम से राहत मिली.
रोडवेज व यात्रियों को रास नहीं आया डायवर्जन: रूट डायवर्ट करने से झालावाड़ व कोटा के बीच अलग अलग डिपो की करीब दो दर्जन बसों को करीब 30 किमी लंबा चक्कर लगाकर आना पड़ रहा है. ऐसे में झालावाड़-कोटा के बीच मात्र 85 किमी की दूरी तय करने में पहले 2 घंटे लगता थे. वहीं, अब यह समय बढ़कर 4 घंटे हो गया. ऐसे में रोडवेज से सफर करने वालों का समय खराब हो रहा है. प्रदेश सरकार की लापरवाही का खमियाजा आम यात्री भुगत रहा है, हालांकि इस दौरान रोडवेज ने किराया नहीं बढ़ाया है, लेकिन जल्द हालत नहीं बदले तो रोडवेज को मजबूरन किराए में वृद्धि करनी पड़ेगी.
किराया बढ़ाना पड़ सकता : रोडवेज के चीफ मैनेजर पवन सैनी ने बताया कि झालावाड़-कोटा के बीच रोडवेज बसों का संचालन डाइवर्ट रूट से किया जा रहा है. ऐसे में फिलहाल पैसेंजरों से अतिरिक्त किराया नहीं लिया जा रहा है. डायवर्ड रूट से बस को करीब 30 किमी अतिरिक्त चलना पड़ रहा है, जल्द हालत नहीं बदले तो निगम अधिकारियों से बात कर किराया बढ़ाना मजबूरी होगा. मुसाफिरों को कोटा जाने के लिए अतिरिक्त समय लग रहा है. रोडवेज को डीजल तथा आय का नुकसान हो रहा है. रोडवेज बस के परिचालक राजेश लोधा ने कहा कि दरा घाटी के जाम व आमझर की पुलिया क्षतिग्रस्त होने के बाद कोटा-झालावाड़ के बीच मिलने वाली सवारियों को भी भारी असुविधा हो रही है. रोडवेज स्टॉपेज सुकेत, मंडाना, गोपालपुरा से बैठने वाली सवारियों को अब इस मार्ग पर साधन नहीं मिल रहे. डायवर्ट रूट पर कोटा के लिए सवारी नहीं मिलती.
यात्रियों को अतिरिक्त समय लग रहा: झालावाड़ डिपो के बस चालक ने बताया कि झालावाड़ से कोटा 85 किमी है. इसे तय करने में करीब दो से ढाई घंटे लगते थे. अरनिया के निकट पुलिया क्षतिग्रस्त होने तथा दरा में जाम से निजात के लिए गत दिनों ट्रैफिक डाइवर्ट किया. ऐसे में कोटा से झालावाड़ पहुंचने वाले वाहनों को कनवास खानपुर होते झालावाड़ मेगा हाईवे से जाना पड़ रहा है. रोडवेज सवारियों को एक अतिरिक्त घंटा लग रहा है.




















