अनूपगढ़: प्रदेश में मानसून की सक्रियता ने नदी-नाले उफान पर ला दिए. विभिन्न जिलों में नदियां उफान पर हैं तो तालाब और बांध लबालब हो चुके. बारिश का दौर जारी है. मंगलवार रात से कहीं तेज तो कहीं रिमझिम का दौर चला. जयपुर के निकट बस्सी क्षेत्र में बिजली गिरने से दो घरों को नुकसान पहुंचा और कई गांव पानी से घिर गए. उत्तरी राजस्थान में दो साल बाद घग्घर नदी का पानी अनूपगढ़ सीमा तक पहुंच गया. उधर, वागड़ के डूंगरपुर में छोटे-बड़े बांध और तालाब लबालब हो गए.
बारिश से हालात बेकाबू: राजधानी जयपुर के बस्सी इलाके में लगातार बारिश से हालात बेकाबू हो गए. मंगलवार देर शाम तेज बारिश से निचली कॉलोनियां जलमग्न हो गईं. कई बेसमेंट और मुख्य सड़क पर पानी भर गया. इस दौरान बिजली गिरने से सुआलाल प्रजापत और बद्री प्रजापत के मकानों की छत और दीवारें ढह गईं. कमरों में दरारें पड़ गईं. घर का सामान क्षतिग्रस्त हो गया. गनीमत रही कि जनहानि नहीं हुई. सूचना पर एसडीएम डॉ. गरिमा शर्मा, तहसीलदार रमेश मीना समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे. एसडीएम ने प्रभावित मकानों के आसपास बैरिकेडिंग कराई और परिवारों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए. एसडीएम ने ढूंढ नदी बहाव क्षेत्र का जायजा लिया. पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को तैनात किया.
उफान पर ढूंढ नदी: लगातार बारिश से ढूंढ नदी खतरे के निशान को पार कर गई. कानोता बांध पर चादर चली. बिशनपुरा बांध की पाल टूटने के बाद ढूंढ नदी में तेज बहाव देखा गया. बाड़ापदमपुरा समेत कई रास्ते जलमग्न होने से आवागमन बाधित हो गया. सांभरिया, बाड़ापदमपुरा, चाकसू और रिंग रोड से सांख कानोता मार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही थम गई. प्रशासन ने बहाव क्षेत्र से गुजरने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए.
पुलिया टूटी, हादसा टला: बस्सी इलाके में हंसमहल से बांसखोह सड़क पर महज छह माह पहले बनी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई. नीचे सेफ्टी वाल नहीं होने के कारण कटाव लगते ही पुलिया टूट गई. इधर से मदनपुरा ग्रेड, लवाण, पाटन समेत कई गांवों के लोग गुजरते हैं. पुलिया टूटने से आवाजाही बंद हो गई. ग्रामीणों ने स्थायी समाधान की मांग की.
कल्याणपुरा में बाढ़: बस्सी के कल्याणपुरा गांव में बारिश से हालात बिगाड़ दिए. गांव के रास्तों पर आवाजाही रुक गई. एक दर्जन से अधिक मकानों में पानी भर गया. दीवारों में दरारें आ गई. पूरा गांव जलमग्न है. बाढ़ जैसे हालात में ग्रामीण परेशान हैं.
जयपुर में 21 लोग रेस्क्यू: जयपुर में सिविल डिफेंस की टीम ने दो रेस्क्यू के जरिए 21 लोगों को सुरक्षित निकाला. सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर अमित शर्मा ने बताया कि मंगलवार रात जयपुर कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि स्वर्ण जयंती पार्क किशनबाग, विद्याधर नगर में पिकअप पानी में फंस गई. उसमें चार लोग थे. उप नियंत्रक अमित शर्मा के नेतृत्व में टीम तत्काल पहुंची व चारों लोगों को सुरक्षित निकाला. क्रेन के जरिए वाहन भी निकाल लिया गया.थानाधिकारी हरिओम सिंह भी मय जाप्ते वहां पहुंचे व रेस्क्यू में मदद की. इसी तरह बुधवार सुबह गलता में बारिश से बड़ा गड्ढा हो गया. उसके दूसरी ओर 10 महिलाएं व सात बच्चे फंस गए. सिविल डिफेंस, अग्निशमन और पुलिस ने रस्सी के सहारे फंसे लोगों को निकाला.
डूंगरपुर में चार बांध ओवरफ्लो: उधर, डूंगरपुर जिले में बारिश ने किसानों व आमजन को राहत व खुशियां दी. शहर से लेकर 150 से ज्यादा गांवों को पेयजल देने वाला सोम कमला आंबा बांध समेत पेयजल आपूर्ति के 4 बांध ओवरफ्लो हैं. 15 अन्य बांध व तालाब भी लबालब हैं. अगले साल शहरों से लेकर गांवों तक पीने के पानी का संकट नहीं रहेगा. इन बांध व तालाबों से 38 हजार 900 हेक्टेयर भूमि भी सिंचित हो सकेगी. जिले में औसत 750 एमएम के मुकाबले अब तक 722 एमएम बरसात हो चुकी. सबसे बड़े सोम कमला आंबा बांध के 13 में से 9 गेट खोलने पड़े, जबकि 2 गेट 7 दिन से खुले हैं. यह बांध डूंगरपुर शहर व 150 से अधिक गांवों को पानी सप्लाई करता है. शहर में जलापूर्ति के सबसे बड़े डिमिया और एडवर्ड समंद बांध भी भर चुके. सागवाड़ा को पानी सप्लाई करने वाला लोडेश्वर बांध ओवरफ्लो हो चुका. जलदाय विभाग ने कहा कि अगले साल बारिश तक पेयजल संकट नहीं होगा. सिंचाई विभाग की एक्सईएन अश्विनी ने बताया कि विभाग के 20 बांध ओवरफ्लो हैं. दो बांधों में 75 फीसदी पानी आ चुका व जल्द भर जाएंगे. इधर, डिमिया बांध व खुमानसागर तालाब के ओवरफ्लो पानी को गैपसागर झील तक लाने का काम शुरू किया गया. पानी के गैपसागर में आते ही झील भरने लगी है.
ये बांध व तालाब ओवरफ्लो: सोम कमला आंबा बांध, लोडेश्वर, वात्रक, बाबा की बार, मारगिया, अमरपुरा, मेवाड़ा, आकरसोल का नाका, घोड़ियों का नाका, पूंजपुर, घोड़ी, सूरी, बोड़ीगामा, गलियाना, वरदोल का नाका, करावाड़ा तालाब, भादर, गड़ा झूमजी, गजपुर, काठंडी, भैंका नाका बांध ओवरफ्लो हो गया.
उफान पर घग्घर, दो साल बाद अनूपगढ़ पहुंची: अनूपगढ़ इलाके में घग्घर नदी उफान पर है. मंगलवार शाम नदी का पानी 68 जीबी गांव तक पहुंच गया. दो साल बाद घग्घर का पानी अनूपगढ़ सीमा तक पहुंचा है. जिला कलक्टर डॉ. मंजू ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी. तेज बहाव से फसलों को नुकसान का अंदेशा भी है. नदी-नाले लंबे समय बाद पूरे वेग से बह रहे हैं. किसान जिंदर सिंह ने बताया कि अनूपगढ़ सीमा की ओर घग्घर का पानी बढ़ रहा है. जल्द भेड़ताल पहुंचेगा. यह खेतों के लिए वरदान होगा. 81 बीबी के किसान मुशर्रफ ने बताया कि बहाव से फसलें खराब होगी. गांव 68 जीबी और 69 जीबी क्षेत्र में ग्रामीणों ने ट्रैक्टर और कराहे से बंधों को मजबूत किया. चेतक पुल पर पानी का गेज सवा तीन फीट दर्ज किया. गुल्लाचिका हेड पर एक दिन में 2100 क्यूसेक की वृद्धि से पानी की मात्रा 44,484 क्यूसेक हो गई. ओटू हेड से 17,500 क्यूसेक और घग्घर साइफन में 15,522 क्यूसेक पानी की आवक बनी है. अधिकारियों का कहना है कि बुधवार को पानी अनूपगढ़ सीमा पार कर सकता है और अगले दिन पाकिस्तान की ओर बढ़ेगा.




















