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RGHS पर फंस गया पेमेंट का ‘पेंच’, कांग्रेस भड़की सरकार हुई अलर्ट, जानें कल से मुफ्त इलाज मिलेगा या नहीं?

जयपुर. राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिजनों को निशुल्क इलाज उपलब्ध करवाने वाली आरजीएचएस योजना पर मंडरा रहे संकट के बादल अभी तक छंटे नहीं हैं. भुगतान के अभाव में सरकारी कर्मचारियों और पेशनर्स का इलाज से मना कर चुके निजी अस्पतालों और सरकार के बीच अभी तक कोई वार्ता नहीं हुई है. राजस्थान एलाइंस हॉस्पिटल एसोसिएशन ने 15 जुलाई से अस्पतालों में इस सुविधा का लाभ नहीं देने का ऐलान कर रखा है. अगर आज इस पर कोई सहमति नहीं बनती है तो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को भारी परेशानियां हो सकती है. इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस सत्तारुढ़ बीजेपी की भजनलाल सरकार पर हमलावर हो रखी है. वहीं सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है.

पूर्व सीएम अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले को लेकर सरकार पर बड़े और गंभीर आरोप लगाए हैं. गहलोत ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि राजस्थान के निजी अस्पतालों की यूनियन RAHA की ओर से अखबार में विज्ञापन देकर 15 जुलाई से RGHS के तहत इलाज बन्द करने की घोषणा की है. इसका कारण 701 निजी अस्पतालों को 7 महीने से 980 करोड़ रुपये का भुगतान भाजपा सरकार की ओर से नहीं करना बताया है.
भाजपा सरकार का प्रबंधन बुरी तरह फेल हो चुका है
गहलोत ने कहा कि यह दिखाता है कि भाजपा सरकार का प्रबंधन बुरी तरह फेल हो चुका है. क्योंकि हर महीने सरकारी कर्मचरियों के वेतन से RGHS के लिए कटौती होती है पर इसका भुगतान अस्पतालों को नहीं किया जा रहा है. एक जनहित की बेहतरीन योजना को भाजपा सरकार बर्बाद करने पर आमादा है. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार को तत्काल इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिजनों को अनावश्यक तकलीफ नहीं हो.
प्राइवेट अस्पतालों से बात कर समाधान निकाला जाएगा
वहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस मामले में सरकार पर भड़कते हुए सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर मांग की है कि इस अत्यंत सेवंदनशील विषय पर सरकार संज्ञान लेकर इसका समाधान करे. दूसरी तरफ इस मामले में सूबे के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर का कहना है कि सरकार इसे लेकर बेहद संवेदनशील है. प्राइवेट अस्पतालों से बात कर समाधान निकाला जाएगा. उनकी पीड़ा सुनी जाएगी. योजना में कहां लूज पोल आ रहे हैं उन पर मंथन किया जाएगा. किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा.
अभी तक सरकार से वार्ता नहीं हुई है
दूसरी तरफ दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक राजस्थान अलाइंस हॉस्पिटल एसोसिएशन के आईएमए प्रतनिधि शिवराज सिंह राठौड़ और डॉ. रमेश कालरा का कहना है कि अभी तक सरकार से वार्ता नहीं हुई है. वार्ता होगी तब हम आगे कोई निर्णय करेंगे. इस खबर के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों ने तय किया है कि वे आरजीएचएस में इलाज करेंगे लेकिन पशेंट को इसका पेमेंट करना होगा. इसके लिए लाभार्थी तैयार नहीं होंगे. बहरहाल इस मसले पर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. अगर दोनों पक्षों में कोई वार्ता नहीं हुई तो योजना के लाभार्थियों को 15 जुलाई से परेशानी होना तय है.

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