सटीक रणनीति, रेगुलर प्रैक्टिस के दम पर किसी भी फील्ड में सफलता हासिल की जा सकती है. ऐसे ही महाराष्ट्र के लड़के ने नीट यूजी 2025 की परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की हैं. उन्होंने पहले ही प्रयास में 681/720 अंक प्राप्त किए हैं. इसके साथ ही वह 22.7 लाख परीक्षार्थियों में से टॉप स्कोरर्स में अपनी जगह बनाई है. उनका सपना एम्स दिल्ली से MBBS करना है. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम कृषांग जोशी (Krishang Joshi) है.
जब सपने ने हकीकत का रूप लिया
नीट यूजी की परीक्षा में तीसरी रैंक पाने वाले कृषांग जोशी मूल रूप से पुणे के रहने वाले हैं. वह बताते हैं कि वह जब सो रहे थे, तभी उनके सर का कॉल आया और उन्हें बधाई दी. लेकिन वह समझ नहीं पाए कि यह किस बात की बधाई है. फिर उन्होंने बताया कि उनका ऑल इंडिया रैंक 3 मिली है. यह सुनकर कृषांग स्तब्ध रह गए. इसके बाद बधाई देने वालों का तांता लग गया. रिश्तेदारों, पत्रकारों और जान-पहचान वालों से ढेरों कॉल्स आए.
विषयवार तैयारी की रणनीति
फिजिक्स: कांबिनेशन का कॉन्सेप्चुअल क्लैरिटी एंड प्रैक्टिस- फिजिक्स के लिए कृषांग जोशी हर अध्याय की गहराई से समझ बनाई. सभी प्रकार के प्रश्नों को हल करने के बाद ही अगला टॉपिक शुरू करता था. स्पीड बढ़ाने वाला अभ्यास बहुत सहायक रहा.
केमेस्ट्री: बैलेंस ऑफ मेमोरी एंड अंडरस्टैंडिंग- ऑर्गेनिक केमेस्ट्री के लिए उन्होंने विशेष नोट्स बनाए. बार-बार NCERT पढ़ने से उन खास पंक्तियों पर उनका ध्यान गया जो अक्सर पूछी जाती हैं. इनऑर्गेनिक और ऑर्गेनिक दोनों ही कठिन लगे क्योंकि बहुत कुछ याद रखना होता है.
बायोलॉजी: NCERT सबसे बड़ा हथियार है. उन्होंने बायोलॉजी में सिर्फ NCERT को ही पढ़ा और उसे कई बार दोहराया. यही तरीका उन्हें इस विषय में आत्मविश्वास देता रहा.
तनाव से ऐसे पाते थे राहत
कृषांग को पढ़ाई के बीच जब थकान होती थी, तो वह अपने माता-पिता या दोस्तों से बात करते थे या कुछ जंक फूड खा लेते थे. इससे उनका दिमाग फिर से तरोताजा हो जाता था. इसके अलावा नीट तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के बारे में कहते हैं कि मूर्खतापूर्ण गलतियों को रोकने और सटीकता बढ़ाने पर काम करना चाहिए. मॉक टेस्ट नियमित रूप से दें. यही आपके सुधार को ट्रैक करने का सबसे प्रभावी तरीका है. साथ ही, बार-बार रिवीजन जरूर करें.
यहां से MBBS करने का है सपना
कृषांग का अगला सपना एम्स दिल्ली में दाखिला लेकर MBBS करना है. वह बेहद उत्साहित हैं और इसके लिए ही उन्होंने वर्षों से मेहनत की है. उनका सफर लाखों छात्रों को प्रेरणा देने वाला है.




















