मेरठ का चर्चित नीले ड्रम वाला सौरभ हत्याकांड में शामिल साहिल और मुस्कान रस्तोगी के खिलाफ कोर्ट मे शुक्रवार को 10वें गवाह ड्रम काटने वाले अशोक के बयान दर्ज हुए। बताया कि ड्रम से सौरभ का शव तीन टुकड़ों मे मिला था।
रामबाबू मित्तल, मेरठ: उत्तर प्रदेश में मेरठ के बहुचर्चित सौरभ हत्याकांड में शुक्रवार को अदालत में सनसनीखेज गवाही हुई। अदालत की डायस पर खड़े होकर ड्रम काटने वाले मजदूर अशोक ने अदालत को बताया कि किस तरह उसने नीले रंग का प्लास्टिक ड्रम काटा और उसमें से सीमेंट तोड़कर तीन टुकड़ों में बंटी हुई सौरभ की लाश बाहर निकाली। इस दौरान उसने कहा, जज साहब, ड्रम काटने में मुझे 30 मिनट लगे। अंदर सीमेंट तोड़ने के बाद जो लाश मिली, वह इतनी भयावह थी कि देखकर मेरा दिल दहल गया। मुस्कान रस्तोगी और साहिल ने सौरभ को बहुत ही बेरहमी से मारा है। यह बयान सुनते ही कोर्ट रूम में सन्नाटा छा गया।
शुक्रवार दोपहर 2 बजे से शुरू हुई सुनवाई शाम 5 बजे तक चली। इस दौरान ड्रम काटने वाले गवाह अशोक से आरोपी पक्ष और पीड़ित पक्ष के वकीलों ने बारी-बारी से सवाल-जवाब किए। जिला जज संजीव पांडे की अदालत में आरोपी मुस्कान और साहिल को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया।
अशोक इस केस का 10वां गवाह है। उसने अदालत के हर सवाल का विस्तार से जवाब दिया। इस दौरान उसके बयान कोर्ट की कार्यवाही में 5 पन्नों में दर्ज किए गए। अशोक से बचाव पक्ष की वकील रेखा जैन ने कई बारीक सवाल किए।
प्रश्न: ड्रम काटने में कितना समय लगा?
उत्तर: लगभग आधा घंटा। पहले इलेक्ट्रिक कटर से ड्रम काटा, फिर हथौड़े से सीमेंट तोड़ा।
प्रश्न: ड्रम में बॉडी किस हालत में थी?
उत्तर: बॉडी पूरी तरह छिली हुई थी। जगह-जगह लाल निशान थे। सिर और हाथ धड़ से अलग रखे गए थे।
प्रश्न: ड्रम कहां काटा गया?
उत्तर: पहले मुझे पुलिस वाले घर से थाने ले गए। वहां से मोर्चरी भेजा गया। ड्रम मोर्चरी में रखा हुआ था, वहीं मैंने काटा।
प्रश्न: उस वक्त कौन-कौन मौजूद था?
उत्तर: कमरे में मेरे अलावा तीन लोग और थे। बाहर भीड़ लगी थी।
प्रश्न: बॉडी कैसे निकली?
उत्तर: सीमेंट हटाने के बाद पहले धड़ बाहर आया। फिर एक काली पन्नी मिली, जिसमें दोनों हाथों की कलाइयां और एक उस्तरा था। उसके बाद एक कपड़े का नीला बैग निकला, जिसमें सौरभ का सिर था। आंख और कान में सीमेंट भरा हुआ था।
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लाश देखकर मुझे लगा कि भाग जाऊं
अशोक ने अदालत को बताया कि ड्रम काटते समय इतनी तेज बदबू आ रही थी कि वहां खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था। उसने कहा, शाम साढ़े सात बजे मुझे घर से ले जाया गया और रात 10 बजे जब मैं घर लौटा, तब तक उस खौफनाक मंजर की तस्वीर आंखों से हट नहीं रही थी। लाश देखकर मुझे लगा कि भाग जाऊं, लेकिन पुलिस वालों के साथ होने के कारण रुका रहा।
परिवार ने रखा नवरात्र का व्रत
सौरभ के परिजन अदालत में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पूरे नवरात्र परिवार ने व्रत रखा है और भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि आरोपियों मुस्कान और साहिल को अधिकतम सजा मिले। मृतक सौरभ की मां और भाई कोर्ट की हर सुनवाई में मौजूद रहते हैं।
अब अगली गवाही डॉक्टर की होगी
इस केस में कुल 36 गवाहों के बयान दर्ज होने हैं। अब तक 10 गवाह गवाही दे चुके हैं। इनमें मृतक सौरभ के भाई बबलू, मां रेणु, दोस्तों और दुकानदारों समेत कई अहम गवाह शामिल हैं। अब केस की अगली तारीख 6 अक्टूबर तय हुई है। उस दिन पंचनामा तैयार करने वाले डॉक्टर धर्मेंद्र गवाही देंगे।
अदालत में तनावपूर्ण माहौल
पूरा कोर्ट रूम अशोक की गवाही के दौरान सन्न रह गया। जब उसने बताया कि किस तरह लाश के तीन टुकड़े ड्रम से निकले और अलग-अलग बैगों व पन्नियों में रखे गए थे, तो कई लोग भावुक हो उठे। पीड़ित पक्ष के वकील विजय बहादुर सिंह ने कहा, यह गवाही केस की सबसे अहम कड़ी है। ड्रम काटने वाले ने स्पष्ट कर दिया कि सौरभ की हत्या कितनी निर्ममता से की गई थी।
आरोपियों की मुश्किलें बढ़ीं
पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर सौरभ की हत्या की। घटना के बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसे नीले रंग के प्लास्टिक ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया था। अब अशोक की गवाही के बाद दोनों आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बचाव पक्ष की वकील ने भले ही कई सवालों से गवाही को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन अशोक अपने बयान पर अडिग रहा।
सौरभ हत्याकांड: अब तक की पड़ताल
सौरभ की हत्या के बाद उसकी पत्नी मुस्कान और प्रेमी साहिल ने मिलकर शव को छिपाने की योजना बनाई। नीले ड्रम में शव डालकर उस पर सीमेंट भर दिया गया। ड्रम को काटकर शव बाहर निकालने की जिम्मेदारी मजदूर अशोक को दी गई। पुलिस ने शव बरामद कर दोनों आरोपियों को जेल भेजा।




















