सफेद बालों को काला करने के लिए कितने बड़े-बड़े ब्रांड और कंपनियां मार्केट में अपना प्रोडक्ट लाती है. लोगों को फील कराते है कि आपके सफेद बाल अच्छे नहीं लग रहे इन्हें कलर कर लें. कभी-कभार एक दो बाल सफेद होने पर ही लोग हेयर कलर इस्तेमाल करने लगते हैं. जो भारी केमिकल से बनाए जाते हैं. जिनता केमिकल आप बालों में लगाओगे उतने ही कमजोर आपके बाल होते चले जाएंगे.
सिर के बालों का सफेद होना कोई शर्म की बात नहीं है. लेकिन ध्यान देने वाली बात तब हो जाती है जू कम उम्र में ही बाल सफेद होने लगे. कम उम्र के लड़के-लड़कियों में बाल सफेद होने की शिकायत रहती है. कई बार लोग इ,से लाइफस्टाइल या खानपान की गड़बड़ी समझ कर टाल देते है लेकिन हकीकत में इसके पीछे की एक बड़ी वजह है हार्मोनल डिसऑर्डर. मतलब आपके शरीर के अंदर के हार्मोन का संतुलन बिगड़ रहा है जो आपको बालों के रंग को हल्का कर रहा है.
मेडिसिन के डॉ. कमलजीत सिंह बताते हैं किसही डाइट की कमी और तनाव भरपूर हो जीवन में कब उसका असर बालों में दिख जाता है. अगर 20 से 25 साल के युवाओं में सफेद बालों की संख्या अगर तेजी से बढ़ रही है तो मामला गंभीर है. आपको बता दें कि से में बालों का रंग बनाने वाले मेलेनिन अगर सही मात्रा में नहीं बने तो हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण बाल सफेद होने लगते हैं.
थायरॉयड और पिट्यूटरी ग्लैंड्स हैं वजहें
हार्मोन्स के संतुलन के बिगड़ने में हाथ होता है थायराइड और पिट्यूटरी ग्लैंड्स का. थायरॉयड हार्मोन का काम बालों की ग्रोथ पर भी काम करता है. अगर ये हार्मोन कम या ज्यादा हो जाए तो मेलेनिन प्रोडक्शन बिगड़ सकता है. इसी तरह से एड्रेनल ग्लैंड और सेक्स हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी समय से पहले बाल सफेद हो जाते हैं.
ऑटोइम्यून डिजीज भी कारण
लेकिन ध्यान रहे सिर्फ हार्मोन ही जिम्मेदार नहीं होते. कई बार ये संकेत ऑटोइम्यून डिजीज का भी हो सकता है, जिसमें इम्यून सिस्टम अपने ही हेयर फॉलिकल पर अटैक करने लगता है. कुछ केस में पर्निशियस एनीमिया, विटामिन बी12 की गंभीर कमी, या स्कैल्प की क्रॉनिक इंफेक्शन भी बालों के रंग को प्रभावित करते हैं. असली मुश्किल यह है कि ये समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ती हैं और जब तक पता चलता है सफेद बालों की संख्या काफी बढ़ चुकी होती है.
सावधान कैसे रहें
पहले ब्लड टेस्ट और हार्मोन प्रोफाइलिंग कराएं. इससे पता चलेगा कि थायराइड, पिट्यूटरी या किसी और ग्लैंड में कोई गड़बड़ी है या नहीं. डॉक्टर जरूरत के हिसाब से सप्लीमेंट, मेडिकेशन या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी सुझा सकते हैं.
इसके साथ ही बैलेंस डाइट, पर्याप्त नींद, स्ट्रेस मैनेजमेंट और स्मोकिंग-अल्कोहल से दूरी बेहद जरूरी है. कुछ हर्बल ऑयल और आयुर्वेदिक नुस्खे भी सफेद बालों को रोकने में मदद कर सकते हैं लेकिन उनकी भी सही गाइडेंस में ही शुरुआत करें.




















