अनूपगढ़ : इलाके में घग्घर नदी स्कूली बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. तेज बहाव और बढ़ते जलस्तर के बीच 91 जीबी, 92 जीबी और बिंजौर गांव के मासूम रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीण चार दशकों से पुल निर्माण की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन समाधान आज तक अधूरा है.
अनूपगढ़ क्षेत्र में घग्घर नदी इस समय स्कूली बच्चों की पढ़ाई में बड़ी बाधा बन गई है. नदी के तेज बहाव और बढ़ते जलस्तर से तीन गांव 91 जीबी, 92 जीबी और बिंजौर के विद्यार्थी सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. बच्चों को रोजाना स्कूल जाने के लिए घग्घर नदी पार करनी पड़ती है, जिससे उनकी जान पर खतरा बना रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 40 वर्षों से वे लगातार पुल निर्माण की मांग उठा रहे हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका.
ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या से उपखंड अधिकारी सुरेश राव को अवगत कराया. इसके बाद एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर हालात का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि घग्घर नदी के उस पार 91 जीबी, 92 जीबी, 94 जीबी और बिंजौर गांव आते हैं. यहां के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, जो जोखिम भरा है. एसडीएम सुरेश राव ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए अस्थायी वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि नदी पार स्थित प्राइमरी और अपर प्राइमरी विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी, ताकि बच्चे अपने ही गांव में पढ़ाई जारी रख सकें. साथ ही, किसानों और ग्रामीणों के आवागमन के लिए एसडीआरएफ की नाव की व्यवस्था का भी प्रयास किया जा रहा है. किसान कर्म सिंह ने बताया कि यदि पुल का निर्माण जल्द नहीं हुआ तो आने वाले समय में बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. वहीं प्रशासन का दावा है कि शिक्षा और आवागमन दोनों को सुचारू रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.




















