Bikaner : बाबा गंगाईनाथ धाम में श्रद्धा का महासंगम 42वें निर्वाण दिवस पर विशाल मेला
संत समागम, जागरण एवं भंडारा आयोजित
बीकानेर/जामसर (श्रेयांस बैद )। बीकानेर से करीब 27 किलोमीटर दूर जामसर स्थित परम श्रद्धेय महाराज बाबा गंगाईनाथ जी की तपोभूमि समाधि स्थल पर सोमवार को उनके 42वें निर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धा, आस्था और भक्ति का विराट दृश्य देखने को मिला। इस पावन अवसर पर यहां विशाल मेला भरा, जिसमें राजस्थान सहित हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात एवं मध्यप्रदेश से हजारों श्रद्धालु एवं बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचे। श्रद्धालुओं ने बाबा गंगाईनाथ जी महाराज की समाधि पर धोक लगाई तथा चादर चढ़ाने की रस्म अदा की।
महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित हजारों भक्तों ने बाबा के दर्शन कर घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि एवं कल्याण की कामना की। दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से समाधि स्थल एवं आसपास का पूरा क्षेत्र भक्तिरस से सराबोर नजर आया। सर्दी के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। प्रात: मंगला बेला में बाबा गंगाईनाथ महाराज की समाधि का विधिवत अभिषेक कर विशेष पूजा-अर्चना की गई। पूजा उपरांत श्रद्धालुओं ने समाधि पर धोक लगाकर बाबा से आशीर्वाद प्राप्त किया। निर्वाण दिवस के अवसर पर बाबा गंगाईनाथ जी महाराज के मंदिर परिसर में विशाल भंडारा महाप्रसादी का आयोजन किया गया। भंडारे में सर्वप्रथम साधु-संतों ने प्रसादी ग्रहण की। इसके पश्चात विशाल पंडाल में हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक बाबा की महाप्रसादी ग्रहण की।
समिति पदाधिकारियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा संत-महात्माओं का सम्मान कर श्रद्धा स्वरूप दक्षिणा भी अर्पित की गई। सर्द मौसम को ध्यान में रखते हुए बाबा गंगाईनाथ समाधि स्थल सेवा समिति की ओर से श्रद्धालुओं एवं संतों के लिए गर्म पानी, अलाव, विश्राम स्थल सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं, जिससे किसी प्रकार की असुविधा न हो। बताया जाता है कि बाबा गंगाईनाथ जी महाराज ने इसी तपोभूमि पर वर्षों तक कठोर तपस्या की तथा भजन एवं वाणी के माध्यम से जन-जन में भक्ति, सद्भाव और आस्था का संचार किया। बाबा की शिक्षाएं आज भी श्रद्धालुओं के जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।
बाबा की समाधि स्थल पर होती है अलौकिक अनुभूति
निर्वाण दिवस पर सिरसा (हरियाणा) से आए श्रद्धालु दंपती ने बताया कि उनके परिवार की बाबा गंगाईनाथ महाराज में अटूट आस्था है और बाबा की कृपा से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती रही हैं। वहीं पंजाब के मोगा जिले से आए श्रद्धालु करतार सिंह एवं जसवंत सिंह ने बताया कि बाबा की तपोभूमि पर प्रतिवर्ष संत-महात्माओं का समागम होता है।

संतों की सेवा एवं आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से वे हर वर्ष बाबा के निर्वाण दिवस पर यहां आते हैं। बाबा गंगाईनाथ समाधि स्थल सेवा समिति के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेन्द्र पाल शर्मा ने बताया कि बाबा गंगाईनाथ महाराज महान तपस्वी संत थे। उन्होंने जामसर की इस पावन भूमि पर लगभग 40 वर्षों तक कठोर तपस्या कर भक्तों के कल्याण हेतु यहीं जीवित समाधि ली। बाबा का समाधि स्थल चमत्कारी माना जाता है तथा यहां श्रद्धा से धोक लगाने पर भक्तों को अलौकिक ऊर्जा एवं मानसिक शांति की अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष पोष कृष्ण पक्ष की एकादशी (सफला एकादशी) के दिन बाबा का निर्वाण दिवस जागरण एवं विशाल भंडारा महाप्रसादी के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
रात्रि में हुआ विशाल जागरण
निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में रात्रि के समय विशाल जागरण का आयोजन भी किया गया। जागरण में भजन-कीर्तन एवं वाणियों से समूचा वातावरण भक्तिरस में डूब गया। देर रात तक श्रद्धालु बाबा गंगाईनाथ जी महाराज की महिमा का गुणगान करते रहे।
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चारों प्रहर सेवा में जुटे रहे सेवादार
निर्वाण दिवस के दौरान संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं की सेवा के लिए बाबा गंगाईनाथ समाधि स्थल सेवा समिति के सेवादार चारों प्रहर सक्रिय रहे। समिति अध्यक्ष एडवोकेट सुरेन्द्र पाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार पन्नालाल नागल, कमलेश शर्मा, राकेश ओझा, रामकुमार सारस्वत, गणेश ओझा, गणेश प्रजापत, रामलाल प्रजापत, रामलाल हलवाई, श्याम बाबू शर्मा, योगेन्द्र शर्मा, कन्हैयालाल पुरोहित, कानाराम कुमावत धोलेरा, रामूराम धोलेरा, जगदीश बिष्ट, उमेश स्वामी, पदमाराम खारा, मोहन मोदी, ईश्वर प्रसाद अग्रवाल, रवि अग्रवाल, श्यामसुंदर शास्त्री, रूपाराम, करणीराम, बदलदेव, सत्यनारायण, कालूसिंह धोलेरा, जितेन्द्र, मनीष, महावीर सिंह, गणेश, दीपू, दिनेश, गौरव शर्मा, सचिन, महेश समेत अनेक सेवादार श्रद्धालूओं इस ठंड में भी निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यों में जुटे रहे।
Bikaner : बाबा गंगाईनाथ धाम में श्रद्धा का महासंगम 42वें निर्वाण दिवस पर विशाल मेला



















