श्रीगंगानगर: जिले के जैतसर क्षेत्र में घग्गर नदी का बांध टूटने से हालात गंभीर हो गए हैं. रविवार को गांव 24 जीबी सीमा के पास बांध में करीब 20 फीट का कटाव आ गया, जिससे आसपास के खेतों में पानी भर गया. करीब 95 से 100 बीघा नरमें की फसल जलमग्न हो गई. सूचना मिलते ही एसडीएम, तहसीलदार व जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. घग्गर नियंत्रण कक्ष की टीम भी मौके पर सक्रिय है. प्रशासन ने तुरंत पोकलैन व एक्सकेवेटर मशीनें मंगवाईं. वहीं, सैकड़ों किसान अपने स्तर पर संसाधनों के साथ मौके पर पहुंचकर कटाव को रोकने में जुट गए.
तहसीलदार राजवीर कड़वासरा ने बताया कि ग्रामीणों व प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से कटाव को अस्थायी रूप से बांध दिया गया है. हालांकि, नदी में लगातार बढ़ रहे पानी के कारण खतरा बरकरार है. समय रहते पूरी तरह स्थिति संभाल गई नहीं तो 25 जीबी और 28 जीबी के खेतों व आबादी भूमि को भी खतरा हो सकता था. प्रशासन ने संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की है.
अनूपगढ़ में घग्गर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पानी अब भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मजनू पोस्ट तक पहुंच गया है. नदी में 6000 क्यूसेक पानी का बहाव दर्ज होने से कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन ने अलर्ट जारी कर ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है, जबकि किसान अपनी फसलों और गांवों को बचाने के लिए बांध मजबूत करने में जुटे हैं.
उपखंड अधिकारी सुरेश राव ने बताया घग्गर नदी गांव 28 ए और पुराना बिजोर में करीब 50 घर और पुराने बिजोर में 100 से अधिक घर हैं. पुराना बिजोर निचले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए यहां बाढ़ का खतरा अधिक है. ग्रामीणों को पहले ही 5 एमएसआर में शिफ्टिंग के लिए जगह आवंटित की गई थी, लेकिन उन्होंने पलायन नहीं किया. प्रशासन ने दोनों गांवों के निवासियों से सतर्क रहने और आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है.
किसान गुरजंट सिंह ने बताया कि नदी का पानी बिजोर गांव पार कर चुका है और 3 से 4 फीट तक बहाव दर्ज हो रहा है. पिछले वर्षों की तुलना में नदी का बहाव क्षेत्र भी बदल गया है. किसानों और ग्रामीणों ने अपनी फसलें बचाने और बांध मजबूत करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. किसान अपने स्तर पर ही बांध बनाकर उन पर प्लास्टिक तुरपाल लगाकर मजबूती प्रदान कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि इस संकट की घड़ी में प्रशासन की ओर से कोई भी सहायता नहीं की जा रही है. 2023 में पानी अधिक आने से बांध टूटने के कारण गांव डूबने की कगार पर पहुंच गया था. इस बार भी नदी अपने निर्धारित बहाव क्षेत्र से हटकर बह रही है. बढ़ते पानी से कुछ ढाणियों और बिंजौर, 91 जीबी व 90 जीबी गांवों का संपर्क टूट गया है.




















