जयपुर. प्रदेश में मानसून की सक्रियता लगातार बनी हुई है. पिछले 24 घंटों में बांसवाड़ा जिले के सल्लोपाट में 123 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसे अतिभारी बारिश की श्रेणी में रखा गया है. वहीं अजमेर, प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिलों में भी भारी वर्षा हुई. राजधानी जयपुर सहित कई जिलों में झमाझम बारिश से मौसम सुहाना बना हुआ है, लेकिन निचले इलाकों में जलभराव और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
आज 30 से ज़्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट : मौसम विभाग ने आज 30 से ज़्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. इनमें जयपुर, नागौर, सीकर, अजमेर, टोंक और भीलवाड़ा प्रमुख हैं. विभाग ने चेतावनी दी है कि इन इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक-दो दौर भारी बारिश हो सकती है, साथ ही 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है. राजस्थान के 30 जिलों में येलो अलर्ट भी जारी किया गया है. इनमें झुंझुनूं , सीकर, कोटपूतली-बहरोड , खैरथल-तिजारा , दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर, डीडवाना – कुचामन , नागौर , ब्यावर, भीलवाड़ा , टोंक , कोटा , बूंदी , बारां, झालावाड़ , भरतपुर , सवाई माधोपुर , चित्तौड़गढ़ , राजसमंद , जालोर, सिरोही , बालोतरा , पाली, फलौदी , बाड़मेर, बीकानेर, चूरू और हनुमानगढ़ शामिल हैं.
मौसम विभाग के अनुसार, इन जिलों में अगले 48 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश हो सकती है. तेज़ हवाएं (30-40 किमी/घंटा) और आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा बना रहेगा. वहीं प्रतापगढ़, उदयपुर, बांसवाड़ा, सलूंबर, डूंगरपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही झुंझुनूं , सीकर, कोटपूतली-बहरोड , खैरथल-तिजारा , दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर, डीडवाना – कुचामन , नागौर , ब्यावर, भीलवाड़ा , टोंक , कोटा , बूंदी , बारां, झालावाड़ , भरतपुर , सवाई माधोपुर , चित्तौड़गढ़ , राजसमंद , जालोर, सिरोही , बालोतरा , पाली, फलौदी , बाड़मेर, बीकानेर, चूरू और हनुमानगढ़ में येलो अलर्ट जारी किया गया है.
5 से 7 सितंबर तक भारी बारिश का अनुमान : मौसम विभाग ने बताया कि 5 से 7 सितंबर तक कोटा और उदयपुर संभाग के कई हिस्सों में भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है. वहीं जोधपुर और बीकानेर संभाग में भी बारिश की गतिविधियां तेज होंगी. बाड़मेर, सिरोही, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलों में कहीं-कहीं अति भारी बारिश की संभावना है. कोटा और उदयपुर संभाग में भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है. चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, पाली, राजसमंद और सिरोही जिलों में अतिभारी बारिश (200 मिमी तक) होने की संभावना जताई गई है. तो वहीं पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में भी बारिश की गतिविधियां तेज़ होंगी.
बांधों का जलस्तर बढ़ा, कई गेट खोले गए : लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के प्रमुख बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बीसलपुर बांध के 6 गेट खोलकर 60,100 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसी तरह करौली जिले के पांचना बांध से भी जल निकासी जारी है. जवाई बांध की भराव क्षमता 90.23 प्रतिशत तक पहुंच गई है और किसी भी समय इसके गेट खोले जा सकते हैं. बांधों में पानी की अच्छी आवक से किसानों और ग्रामीणों में खुशी की लहर है.
- बीसलपुर बांध (टोंक) – भराव क्षमता 315.5 आरएल मीटर में से 315.3 तक पहुंच गया, 6 गेट खोलकर 60,100 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.
- जवाई बांध (पाली) – भराव क्षमता 90.23% तक पहुंची, जल्द गेट खोले जाने की संभावना
- पांचना बांध (करौली) – गेट खोलकर जल निकासी की जा रही है
- माही बांध (बांसवाड़ा) – लगातार आवक से जलस्तर में तेजी
हादसे और जलभराव से जनजीवन प्रभावित : बारिश के कारण प्रदेश में कई हादसे भी सामने आए है. झुंझुनूं में छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि झालावाड़ में बिजली गिरने से महिला की मौत हो गई. दौसा में सड़क हादसे के दौरान घायल एक पुलिसकर्मी ने दम तोड़ दिया. टोंक जिले में छज्जा गिरने से पांच वर्षीय बच्ची की मौत हो गई वहीं बूंदी, दौसा और अलवर में जलभराव से हालात बिगड़े है.
विधानसभा में उठा अतिवृष्टि का मुद्दा : अतिवृष्टि के कारण प्रदेशभर में अब तक 193 लोगों की मौत हो चुकी है, 36 घायल हुए और 600 से अधिक पशुओं की मौत हुई है. इसमें 1900 से ज्यादा पक्के और कच्चे मकान ढह गए. इस मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरा, जवाब में आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि इस बार प्रदेश में 62% ज्यादा बारिश हुई है. अब तक मृतकों के परिजनों को 104 लाख रुपए और मकान क्षति के लिए 184 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है.
राहत कार्य तेज करने के निर्देश : विधानसभा सत्र में विपक्ष ने सरकार पर राहत कार्यों में सुस्ती का आरोप लगाया. आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस पर जवाब दिया. दूसरी ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि 5 से 7 सितंबर तक सभी विधायक अपने क्षेत्रों में मौजूद रहकर राहत कार्यों की निगरानी करें. प्रभारी मंत्री और सचिव भी दो दिन अपने-अपने जिलों में रहेंगे. प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, भोजन, पानी, दवाइयां और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था करने को प्राथमिकता दी जा रही है.




















