धौलपुर: जिले में लगातार बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है. नदियां, तालाब और बांध लबालब हैं. शहर से लेकर गांवों तक पानी ही पानी नजर आ रहा है. खेत-खलिहान दरिया बन चुके. कई घरों में पानी घुस गया. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. फसलें चौपट होने के कगार पर है. मवेशियों के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया.
एसडीएम कर्मवीर सिंह ने बताया कि लगातार बारिश से जलभराव की स्थिति है. पंचायत को व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए हैं. जिन लोगों को नुकसान हुआ, उनका सर्वे करा प्रशासन हरसंभव राहत देने की कोशिश करेगा. किसान सूरज परमार ने बताया कि जिले में डेढ़ महीने से लगातार बारिश का दौर चल रहा है. फसल बुवाई के तुरंत बाद से खेतों में दो से तीन फीट तक पानी भरा है. फसल चौपट हो चुकी है. गांव में पानी घुसने से लोग बेहाल हैं. कई मकान गिर गए.
चहलपुरा के रास्ते पानी से कट चुके हैं. बच्चों को स्कूल जाने में भारी परेशानी हो रही है. मरीजों और बुजुर्गों को चारपाई पर बैठाकर बाहर ले जाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत और प्रशासन का कोई नुमाइंदा हालात देखने नहीं पहुंचा. गांवों में जलभराव से बीमारियों के फैलने का अंदेशा है.
यहां जलभराव: सबसे ज्यादा खराब हालत सैपऊ और बसेड़ी उपखंड इलाके में हैं. सैपऊ का चहलपुरा, बाला का नगला, रजौरा कला, हरनाथ का नगला, ईंटकी, झीलरा, कोडपुरा, चंदू का नगला, राजा का नगला, ठाकुर दास का नगला, कैथरी, सहरोली, सैमरा, फूटे का नगला समेत कई गांव पानी से गिर चुके हैं. बसेड़ी में नगलाराय जीत, महू गुलावली, बोरेली, खेमरी, कुनकुटा, एकटा समेत एक दर्जन गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं. लोगों में प्रशासन के प्रति भारी नाराजगी है.




















