जयपुर: राजधानी जयपुर में बारिश का दौर जारी है. इस बारिश से कई क्षेत्रों में जल भराव की समस्या बन गई है तो वहीं दिल्ली रोड स्थित लाल डूंगरी में एक बार फिर मंदिर-वाहन सब जमींदोज हो गए. वहीं, स्थानीय लोगों ने पूरी रात खौफ के साए में बिताई. हालांकि, सुबह से यहां निगम प्रशासन की ओर से राहत कार्य शुरू किया गया, लेकिन मिट्टी इतनी ज्यादा मात्रा में बहकर आई गई है कि ये संसाधन भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. गणेशपुरी बस्ती में फिलहाल रोड तीन फीट मिट्टी से ढक गई है. करीब 10 घरों में मिट्टी चली गई, जबकि गंगेश्वर महादेव मंदिर ये अहसास करा रहा है कि यहां बारिश के दौरान क्या मंजर था.
स्थानीय पार्षद नरेश नागर के अनुसार 2020 से हर साल ऐसा ही मंजर सामने आता है. उन्होंने बताया कि निगम ने अपनी सीमा तक काम किया, लेकिन वन विभाग का क्षेत्र होने के कारण वहां कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया. कई बार डीएफओ को डैम निर्माण के लिए लिखा गया, लेकिन कार्रवाई न होने का खामियाजा यहां की करीब ढाई हजार आबादी भुगत रही है. वहीं, स्थानीय लोगों ने बताया कि जब भी रात में बारिश आती है, तो पूरी रात सो नहीं पाते. आसमान के बादलों की गड़गड़ाहट से दहशत पैदा हो जाती है. अपने वाहनों को मिट्टी में दबा देख आंखें नम हो जाती हैं.
गलता पहाड़ियों के नजदीक लाल डूंगरी क्षेत्र में हर साल बरसात के साथ बहकर आने वाली मिट्टी से जो तस्वीर बनती है. उसमें स्थानीय लोगों की आँखों में अपने वाहनों, घर और मंदिर को मिट्टी में दबा देखने का दर्द साफ झलकता है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि जब हर साल बारिश में हालात बिगड़ते हैं, तब भी जिम्मेदार विभाग कोई ठोस समाधान क्यों नहीं निकालते? क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है?




















