अजमेर: प्रदेश में जोधपुर व अजमेर समेत विभिन्न जिलों में झमाझम का दौर जारी है. सड़कें दरिया तो खेत तालाब बन गए. जोधपुर शहर और जिले में 10 घंटे में लगातार बारिश का दौर जारी है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. शहर की सड़कें दरिया बन गई तो कई गांव भी जलमग्न हो गए. तिवारी, मथानिया, ओसियां क्षेत्र में सड़कों पर पानी ने आवाजाही बाधित कर दी.
इस बीच, जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने सोमवार को शहर की निजी और सरकारी स्कूलों में छात्रों की छुट्टी की घोषणा कर दी है. वहीं, रात में जोधपुर रेलवे स्टेशन पर पानी भरने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. उधर, मौसम विभाग ने संभाग के कई जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी दी व ऑरेंज अलर्ट जारी किया. मौसम विभाग के अनुसार रविवार सुबह 8:30 बजे से सोमवार सुबह 8:30 बजे तक जोधपुर में 72.4 एमएम बारिश हुई. रविवार रात को 69.4 एमएम यानी पौने तीन इंच बारिश दर्ज की गई.
अस्पतालों में भरा पानी: बीते 10 घंटों से हुई बारिश ने जोधपुर शहर को जलमग्न कर दिया. गनीमत रही कि बारिश रात में हुई तो आवाजाही कम थी. रात को बारिश होने के साथ पानी की निकासी भी होती रही. इसके बावजूद सुबह शहर की प्रमुख सड़कों पर 1 से 2 फीट पानी था. मथुरादास माथुर और महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में पानी भर गया. अस्पताल के मुख्य द्वार पर भी पानी जमा हो गया.
चमकी बिजली, गरजे बादल: जोधपुर में रात 10 बजे बारिश का दौर शुरू हुआ. करीब 1 घंटे बादल गरजे और बिजलियां चमकती रही. भारी बारिश के चलते जोधपुर डिस्कॉम ने आमजन को ट्रांसफार्मर और विद्युत पोल से दूर रहने की सलाह दी. रात को ज्यादातर इलाकों में विद्युत आपूर्ति सुचारू रही.
जनजीवन अस्त-व्यस्त: सरदारपुरा, चौपासनी रोड, नेहरू पार्क, चांदपोल से सूरसागर तक पानी ही पानी नजर आया. शास्त्री नगर के कई इलाकों में जलभराव हो गया. शहर के निचले इलाकों में पानी की निकासी नहीं होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
फसलों को नुकसान: ग्रामीण इलाकों में रात को भारी बारिश हुई है. खासतौर से ओसियां, तिवारी, मथानिया क्षेत्र में जगह-जगह पानी भरने से आवागमन रुक गया. तिंवरी क्षेत्र में वाहन के बहने की सूचना है. बारिश के चलते खेतों में खड़ी फसलें चौपट होने की आशंका है.
अजमेर में पानी की निकासी नहीं होना बड़ी समस्या: उधर, अजमेर जिले में रविवार देर रात से ही बारिश का दौर जारी है. कहीं रिमझिम तो कहीं झमाझम ने सोमवार सुबह जनजीवन को प्रभावित किया. तापमान में गिरावट आई. अजमेर में मौसम विभाग का येलो अलर्ट है. लगातार बारिश के बावजूद प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित नहीं किया. रविवार देर रात से बारिश से कई जगह पानी भर गया. अजमेर में जल निकासी नहीं होने का खमियाजा जनता हर बारिश में भुगतती है.
आनासागर से पानी की निकासी: इधर आनासागर झील से लगातार पानी की निकासी चैनल गेट से की जा रही है. आनासागर का जलस्तर 10.12 फीट है. झील की भराव क्षमता 13 फीट है. दरअसल, फॉयसागर सागर झील के छलकने के बाद बाड़ी नदी में पानी की आवक लगातार बनी है. बाड़ी नदी का पानी आनासागर झील में जा रहा है, जिससे झील में पानी की आवक लगातार बनी है. आनासागर में विभिन्न क्षेत्रों से गिर रहे 13 नालों से भी झील में पानी आ रहा है. यही वजह है कि गत 10 दिन से आनासागर का पानी लगातार एस्केप चैनल में निकाला जा रहा है. एस्केप चैनल भी उफान पर है. एस्केप चैनल से पानी दौराई तालाब से होता तबीजी, पीसांगन से गोविंदगढ़ बांध जा रहा है. आनासागर झील से पानी की निकासी नहीं की तो आसपास की दर्जनों कॉलोनियों के जलमग्न होने का खतरा है. केकड़ी, सरवाड़, नसीराबाद, पीसांगन, अराई, पुष्कर, किशनगढ़, रूपनगढ़ और अजमेर शहर में भी झमाझम का दौर जारी है.
श्रीनगर तालाब पर 50 साल बाद चादर: श्रीनगर पंचायत का बालद का दड़ा तालाब भर गया. 50 साल बाद तालाब से चादर चली है. गांव के रघुनंदन शर्मा ने बताया कि गत 50 वर्षों में तालाब को पूरी तरह से भरा किसी ने नहीं देखा. तालाब के भरने से क्षेत्र में भूजल स्तर ऊंचा होगा और भविष्य में किसानों को फायदा मिलेगा.




















