आप भी अगर उन लोगों में से हैं जो हरियाली तीज के दिन झूला झूलने को सिर्फ एक परंपरा मानते हैं तो अब आपको अपनी सोच बदल लेनी चाहिए। जी हां, झूला सिर्फ मौज-मस्ती के लिए नहीं बल्कि सेहत से भी जुड़ा हुआ हैं
गर्मी और उमस भरे मौसम में रिमझिम सावन का महीना हर मन को सुकून से भर देता है। इसी पवित्र महीने में सुहागिन स्त्रियां हरियाली तीज का उत्सव भी मनाती हैं। इस दिन शादीशुदा महिलाएं व्रत रखकर सोलह शृंगार करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। हरियाली तीज की पूजा के बाद महिलाएं इस दिन झूला झूलते हुए जरूर लोकगीत जरूर गाती हैं। आप भी अगर उन लोगों में से हैं जो हरियाली तीज के दिन झूला झूलने को सिर्फ एक परंपरा मानते हैं तो अब आपको अपनी सोच बदल लेनी चाहिए। जी हां, झूला सिर्फ मौज-मस्ती के लिए नहीं बल्कि सेहत से जुड़े फायदे लेने के लिए भी झूला जा सकता है।
आइए जानते हैं हरियाली तीज पर झूला झूलने से सेहत को मिलते हैं क्या-क्या फायदे।
झूला झूलने से सेहत को मिल सकते हैं ये फायदे-
तनाव की होती है छुट्टी-
अगर आपकी लाइफ में स्ट्रेस बहुत ज्यादा है तो आप झूला झूलकर इसे कम कर सकते हैं। झूला झूलने से मन को खुशी मिलती है। जिससे व्यक्ति के मन की उदासी दूर होती है और व्यक्ति टेंशन फ्री हो जाता है।

बॉडी रखे एक्टिव-
मांसपेशियों और शरीर को एक्टिव बनाए रखने के लिए झूला आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, झूला झूलते समय भले ही व्यक्ति का शरीर आगे-पीछे होता रहता है लेकिन उसका माइंड अलर्ट रहता है। इस कोआर्डिनेशन को बनाए रखने के लिए आपके सभी बॉडी पार्ट्स और आपकी मसल्स उस समय एक्टिव बने रहते हैं।
मूड होता है बेहतर-
अगर आपका मूड ठीक नहीं है, तो झूला झूलें। झूला झूलने के कुछ ही समय में आपका मूड अच्छा हो सकता है। दरअसल, झूला झूलने के दौरान बॉडी में हैप्पी हार्मोंस रिलीज होते हैं, जो व्यक्ति के मूड को बेहतर बनाए रख सकते हैं।
फोकस बढ़ाता है-
झूला झूलने से व्यक्ति का फोकस बढ़ता है जो दिमाग को अलर्ट करने में मदद करता है। इससे दिमाग का वो हिस्सा जिसका कम इस्तेमाल होता वो एक्टिवेट हो जाता है। इसके अलावा ये आपके ब्रेन की न्यूरल गतिविधियों को तेज करके बाकी नसों के लिए भी एक्सरसाइज का ही एक रूप बन जाता है।




















