जोधपुर: उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के मेड़ता रोड-बीकानेर रेलमार्ग के दोहरीकरण का सर्वे कार्य पूरा करा लिया गया. सुगम रेल यातायात के लिए इस रेलमार्ग के दोहरीकरण की अनुमानित लागत 1637.76 करोड़ रुपए आंकी है. रेलवे बोर्ड की अनुमति मिलते ही इस अत्यंत महत्वाकांक्षी रेल परियोजना का क्रियान्वयन शुरू किया जाएगा.
जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि 172.72 किमी लंबा मेड़ता रोड-बीकानेर रेलमार्ग बेहद महत्वपूर्ण है. इसके दोहरीकरण की अरसे से आवश्यकता महसूस की जा रही थी. केंद्र सरकार ने 2023-2024 वित्तीय वर्ष में सर्वे स्वीकृत किया था, जिसे एक वर्ष में पूरा करवाने के बाद वित्तीय स्वीकृति के लिए डीपीआर रेलवे बोर्ड भेज दी है. डीआरएम ने बताया कि 1637.76 करोड़ रुपए लागत की रेल परियोजना डीपीआर स्वीकृति के बाद प्रारंभ होने पर चरणबद्ध तरीके से चार वर्षों में पूरी करा ली जाएगी. रेलवे के निर्माण विभाग के करवाए विस्तृत सर्वे में दोहरीकरण के लिए आवश्यक भूमि आदि को चिन्हित किया है. सेक्शन डबलिंग से इस मार्ग पर ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ेगी और ट्रेनों का आवागमन सुगम होगा.
विद्युतीकरण कार्य भी साथ होगा: वित्तीय स्वीकृति जारी होने के बाद मेड़ता रोड-बीकानेर मार्ग का दोहरीकरण कार्य जब भी प्रारंभ होगा, उसका विद्युतीकरण भी साथ कराया जाएगा. इसके लिए पर्याप्त बजट है. इससे दोनों लाइनों पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन हो सकेगा.
रेलमार्ग दोहरीकरण के फायदे
- ट्रेनों का संचालन सुगम होगा
- ट्रेनें आवागमन में क्रॉसिंग में अटकेगी नहीं
- रास्ते के स्टेशनों का विकास होगा तथा सुविधाएं बढ़ेंगी
- मार्ग के रेलवे स्टेशनों पर ऊपरी पैदल पुल अथवा सब-वे बनाए जाएंगे
- स्टेशनों के प्लेटफॉर्म की सतह मीडियम से हाई लेवल में बदली जाएंगी
- प्लेटफॉर्म शेल्टर, सब-वे व अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.




















