प्रदेश में मानसून की भारी बारिश के कारण अधिकांश शहरों में बाढ़ जैसे हालात हो गए. कोटा, चित्तौड़गढ़, टोंक, पाली, सीकर, जयपुर, उदयपुर सहित कई सभी जिलों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है. सभी नदी, नाले और बांध उफान पर है. ट्रेन के रास्ते में पानी भर जाने के कारण रेलवे द्वारा ट्रेनों के रूट में बदलाव किया जा रहा. सोमवार को सबसे अधिक बारिश का असर चित्तौड़गढ़ में रहा.
यहां पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात भैंसरोडगढ़ में 174MM दर्ज की गई. इसके अलावा पाली में भारी बारिश से रेलवे लाइन के नीचे से मिट्टी बह गई, जिससे रेलों का संचालन प्रभावित हो गया. कोटा में कई निचले इलाके पानी में डूब गए और बस्तियों में बने घरों में पानी भर गया. जोधपुर मंडल से चलने वाली 5 ट्रेनों का रूट बदला और 4 ट्रेनों को रद्द किया गया. मौसम विभाग ने मंगलवार को भी राजस्थान के 3 जिलों में अतिभारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. 10 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
इन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश हुई
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में भीलवाड़ा के बिजौलिया में 172MM, टोंक के दूनी में 146MM, निवाई 104MM, उदयपुर के सायरा में 94MM, ऋषभदेव में 67MM, गंगानगर के मुकलावा में 97MM, अनूपगढ़ में 77MM, मिर्जेवाला में 75MM, राजसमंद शहर में 86MM, पाली में 76MM, नागौर के डेगाना में 85MM, कोटा के मंडाना में 111MM बारिश हुई है. इनके अलावा अजमेर, बालोतरा, बूंदी, भरतपुर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, सीकर जिलों के कई इलाकों में 1 से 2 इंच तक बारिश दर्ज की गई है.
बाड़मेर सबसे ज्यादा गर्म रहा
मौसम विभाग द्वारा जारी डेली डाट रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को राज्य में कुछ स्थानों पर मेघगर्जन के साथ भारी वर्षा दर्ज की गई. राज्य में सर्वाधिक अधिकतम तापमान बाड़मेर में 39.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सिरोही में 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दर्ज प्रेक्षण के अनुसार राज्य के अधिकांश भागों में हवा में आर्द्रता की औसत मात्रा 75 से 100 प्रतिशत के मध्य दर्ज की गयी.
ये रहा अधिकतम तापमान
मौसम विभाग की फोरकास्ट रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को अजमेर में 27.4 डिग्री, अलवर 30.2 डिग्री, जयपुर में 28.6 डिग्री, पिलानी में 32.2 डिग्री, सीकर में 30.0 डिग्री, कोटा में 27.3 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 29.4 डिग्री, बाड़मेर में 39.6 डिग्री, जैसलमेर में 38.5 डिग्री, जोधपुर में 31.0 डिग्री, बीकानेर में 34.5 डिग्री, चूरू में 33.8 डिग्री और श्री गंगानगर में 30.0 डिग्री, नागौर में 33.4 डिग्री, डूंगरपुर में 28.4 में डिग्री, जालौर में 30.5 डिग्री, सिरोही में 26.1 में डिग्री, करौली में 29.0 डिग्री और दौसा में 28.6 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.
मुख्य जिलों का न्यूनतम तापमान ये रहा
मौसम विभाग की फोरकास्ट रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को अजमेर में 22.7 डिग्री, अलवर में 24.0 डिग्री, जयपुर में 25.0 डिग्री, पिलानी में 24.5 डिग्री, सीकर में 24.5 डिग्री, कोटा में 24.0 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 25.2 डिग्री, बाड़मेर 28.3 डिग्री, जैसलमेर में 28.0 डिग्री, जोधपुर में 24.0 डिग्री, बीकानेर में 28.2 डिग्री, चूरू में 26.6 डिग्री और श्री गंगानगर में 25.9 डिग्री, नागौर में 25.8 डिग्री, डूंगरपुर में 23.1 डिग्री, जालौर में 24.1 डिग्री, सिरोही में 20.0 डिग्री और दौसा में 25.9 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, मध्यप्रदेश के ऊपर बना परिसंचरण तंत्र तीव्र होकर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. इसके अलावा उत्तरी पूर्वी राजस्थान व आसपास मध्यप्रदेश के ऊपर बना हुआ है. इसके असर से आज कोटा, अजमेर, जोधपुर संभाग के कुछ भागों में भारी, अतिभारी बारिश व कहीं-कहीं अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं, बीकानेर जयपुर भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा 16 जुलाई को जोधपुर, बीकानेर, अजमेर संभाग के कुछ भागों में भारी बारिश व कहीं कहीं-कहीं भारी बरसात हो सकती है. पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की गतिविधियों में 17 जुलाई से पश्चिमी राजस्थान में 18 जुलाई से कमी दर्ज होने की प्रबल संभावना है.
बाड़मेर में हुआ झमाझम बारिश
सावन के पहले सोमवार को इंद्रदेव की मेहरबानी से बाड़मेर जिले के कई गांवों में झमाझम बारिश हुई, जिससे किसानों और पशुपालकों के चेहरों पर रौनक लौट आई. बारिश से खेतों में फसल के लिए नमी और पशुओं के लिए चारा उपलब्ध होने की उम्मीद बढ़ी है. हालांकि कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और बच्चों को पानी से दूर रखने की अपील की है. तेज बारिश और आंधी के कारण कई जगह पेड़ और विद्युत पोल गिर गए. मौसम विभाग ने बाड़मेर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
सीकर में बारिश होने से ठंड बढ़ी
सीकर जिले में देर रात से रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है, जिससे मौसम सुहाना हो गया है. सावन की झड़ी ने जिले को भिगो दिया है, और कई इलाकों में रिमझिम बारिश का क्रम बना हुआ है. निचले क्षेत्रों में पानी भराव की स्थिति बन गई है, जिससे आमजन को थोड़ी परेशानी भी हो रही है. बारिश के साथ चल रही तेज हवाओं ने तापमान में गिरावट लाकर ठंडक का एहसास करा दिया है. मौसम अभी भी बदलता नजर आ रहा है.
माउंट आबू में बारिश का दौर जारी
माउंट आबू में इन दिनों झमाझम बारिश का दौर जारी है, जिससे वहां का मौसम बेहद सुहाना हो गया है. वादियां घने बादलों की आगोश में हैं और हर तरफ हरियाली छा गई है. लगातार बारिश के चलते झरनों का बहाव भी तेज हो गया है, जिससे प्राकृतिक दृश्य और भी मनमोहक हो गए हैं. इस मौसम का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. लोग न सिर्फ ठंडक का मजा ले रहे हैं, बल्कि खूबसूरत नजारों को कैमरे में कैद करने में भी जुटे हैं. माउंट आबू घूमने वालों के लिए यह समय खास बना हुआ है.
बीकानेर में रुक-रुक कर बारिश
बीकानेर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे मौसम में ठंडक घुल गई है. हल्की बारिश से तापमान में गिरावट आई है और लोगों को गर्मी व उमस से काफी हद तक राहत मिली है. शहर के कुछ इलाकों में सड़कों पर हल्का पानी भी जमा देखा गया, लेकिन किसी बड़ी परेशानी की सूचना नहीं है. बारिश ने वातावरण को खुशनुमा बना दिया है, जिससे लोग सैर-सपाटे और चाय पकौड़े का आनंद ले रहे हैं. मानसून की यह शुरुआत बीकानेरवासियों के लिए सुकूनभरी साबित हो रही है और आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की उम्मीद जताई जा रही है.
बारिश के कारण मंडराया पुराने मकानों पर खतरा
चूरू के वार्ड संख्या 29, मोहल्ला व्यापरियान में बारिश के चलते एक पुराने मकान का कमरा ढह गया. यह मकान यासीन खान के परिवार का था. सौभाग्यवश घटना के समय कमरा खाली था, जिससे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. लगातार हो रही बारिश से पुराने और जर्जर मकानों पर खतरा मंडरा रहा है, जिससे प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है. स्थानीय लोगों ने तत्काल घटना की जानकारी प्रशासन को दी और मौके पर पहुंचकर मलबा हटाया गया. हालांकि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह घटना साफ तौर पर बारिश से जर्जर इमारतों की स्थिति की ओर इशारा करती है.
टोंक के पीपलू में मासी बांध ओवरफ्लो, किसानों में खुशी
टोंक जिले के पीपलू क्षेत्र में मानसून की मेहरबानी से मासी बांध ओवरफ्लो हो गया है. 10 फीट भराव क्षमता वाले इस बांध पर 1 फीट की चादर चल रही है. यह बांध क्षेत्र के 29 गांवों के किसानों की लाइफलाइन माना जाता है. रबी सीजन में इससे 6,985 हैक्टेयर भूमि की नहरों के जरिए सिंचाई होती है. बांध के भरने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि यह क्षेत्र में आने वाले कृषि सीजन के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करता है.




















