मेहनत और समर्पण से ही सपनों को साकार किया जा सकता है. इस बात को सच कर दिखाया है पुणे के प्रशांत झटल ने. पुणे नगर निगम (PMC) के इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई करने वाले प्रशांत ने भारतीय सेना में भर्ती होकर एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है. वारजे मालवाड़ी स्थित स्वर्गीय माधवराव सोनबा तुपे इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्र रहे प्रशांत का जीवन बेहद साधारण परिस्थितियों में बीता, लेकिन उन्होंने अपने संकल्प से असाधारण सफलता हासिल की.
कठिनाइयों में भी नहीं टूटा हौसला
प्रशांत (Prashant Jhatal) के पिता कंस्ट्रक्शन मजदूर थे और मां घरेलू कामों से परिवार चलाती थीं. उनका सफर तब शुरू हुआ जब उनका परिवार 15 साल पहले परभणी से पुणे आया. आर्थिक समस्याएं होने के बावजूद उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी. शुरू में उनका सपना पुलिस में भर्ती होना था, लेकिन दो बार असफलता मिली. इसके बाद उन्होंने सेना में भर्ती का लक्ष्य बनाया.
मेहनत और मार्गदर्शन से मिली सफलता
प्रशांत ने स्कूल में पढ़ाई करते हुए पुलिस और सेना दोनों की परीक्षाओं की तैयारी की. शिक्षकों के सहयोग और अपनी मेहनत के दम पर वह आखिरकार भारतीय सेना में चयनित हो गए. उनकी सफलता पर स्कूल ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया. प्रधानाचार्य पोपट पाटिल और शिक्षक कैलास बोरकर ने प्रशांत को बाकी छात्रों के सामने सम्मानित करते हुए कहा कि उनकी सफलता यह दिखाती है कि कठिन परिश्रम और संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
प्रशांत की कहानी बनी प्रेरणा
प्रशांत की कहानी यह साबित करती है कि सपने पूरे करने के लिए संसाधन नहीं, बल्कि मेहनत और लगन चाहिए. उनकी यात्रा न केवल उनके लिए, बल्कि हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा बन गई है.




















