अक्सर अपने बच्चों के भविष्य को लेकर माता-पिता चिंतित रहते हैं कि उन्हें कहां से पढ़ाई करवाया जाए, जहां उनके करियर में चार चांद लग जाए. ऐसे ही स्कूल की तलाश उन्हें अक्सर रहती है. आपको एक ऐसे ही स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां से पढ़ाई करने वाले काफी बच्चे नीट और जेईई की परीक्षा को पास करने में सफल रहे हैं. जिस स्कूल के बारे में हम बात कर रहे हैं, उसका नाम एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) है.
जनजातीय कार्य मंत्रालय के हालिया मूल्यांकन से पता चला है कि देशभर के 12 राज्यों के लगभग 600 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के छात्रों ने इस वर्ष आईआईटी-जेईई मेंस, एडवांस्ड और नीट जैसी टॉप एंट्रेंस एग्जाम में सफलता पाई है. इन होनहार छात्रों को उच्च शिक्षा में आत्मविश्वास देने के उद्देश्य से मंत्रालय अब विभिन्न सरकारी छात्रवृत्तियों की प्रक्रिया को आसान बना रहा है. आमतौर पर छात्रों को स्वयं आवेदन करना होता है, लेकिन इस बार मंत्रालय प्रत्यक्ष रूप से सहायता प्रदान करेगा.
12 राज्यों के छात्र, राष्ट्रीय स्तर पर सफलता
छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र से 596 छात्र इन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए हैं. मंत्रालय के अनुसार, यह पहली बार है जब इतने व्यापक स्तर पर डेटा संकलित किया गया है.
एनईएसटीएस और कोचिंग संस्थानों की साझेदारी का असर
इन छात्रों को तैयार करने में उन कोचिंग संस्थानों की बड़ी भूमिका रही है, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में एनईएसटीएस (राष्ट्रीय जनजातीय छात्र शिक्षा सोसाइटी) के साथ मिलकर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए. सफल छात्रों में से 85% से अधिक कमज़ोर जनजातीय समूहों से हैं.
IIT, NIT, AIIMS में प्रवेश की संभावना
218 छात्रों ने JEE मेन्स परीक्षा पास की, जिनमें से लगभग 25 को NIT में प्रवेश मिलने की उम्मीद है. 34 छात्रों ने JEE एडवांस्ड उत्तीर्ण की, जिनमें से 18 के IIT में चयन की संभावना है. 344 छात्रों ने NEET पास की, जिनमें से कम से कम 3 को AIIMS में और अन्य को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलने की उम्मीद है.
देशभर में 400+ EMRS, 1.38 लाख छात्र नामांकित
वर्तमान में मंत्रालय 400 से अधिक EMRS स्कूलों का संचालन कर रहा है, जिनमें लगभग 1.38 लाख छात्र पढ़ रहे हैं. इन स्कूलों का उद्देश्य दूरदराज़ और वंचित जनजातीय समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान करना है.




















