राजस्थान, जो अपनी रेतीली धरती और गर्मी के लिए जाना जाता है, इस मॉनसून सीजन में बारिश के कहर से सराबोर है. 4 से 10 जुलाई 2025 के बीच, मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान के जयपुर, कोटा, भरतपुर, अजमेर और उदयपुर में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी है. पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर में भी मेघगर्जन के साथ मध्यम से तेज बारिश की संभावना है. इस साल 1 जून से 3 जुलाई तक राज्य में सामान्य से 175% अधिक बारिश (155.8 मिमी) दर्ज की गई है, जो सामान्य 66.3 मिमी से कहीं ज्यादा है. बारां, भीलवाड़ा और धौलपुर जैसे जिलों में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर के अनुसार, 4 से 10 जुलाई तक पूर्वी राजस्थान में बारिश की तीव्रता चरम पर होगी. कोटा, जयपुर, भरतपुर, अजमेर और उदयपुर में कई स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश (64.5-204.4 मिमी) की संभावना है. बारां, बूंदी, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जैसे जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. मॉनसून की सक्रियता के कारण निम्न दबाव का क्षेत्र और मॉनसून ट्रफ श्रीगंगानगर से हरियाणा के रोहतक, पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर और बीकानेर में मध्यम से तेज बारिश होगी, जिसमें मेघगर्जन और 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती है. 11 से 17 जुलाई के बीच बारिश की तीव्रता में कमी आएगी लेकिन आर्द्रता बनी रहेगी, जिससे उमस बढ़ेगी.
वर्षा के आंकड़े: सामान्य से कहीं अधिक
1 जून से 3 जुलाई तक राजस्थान में 155.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 66.3 मिमी से 135% अधिक है. पूर्वी राजस्थान में 249.8 मिमी (175% अधिक) और पश्चिमी राजस्थान में 80.9 मिमी (73% अधिक) बारिश हुई. कुछ जिलों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं:
बारां: 448.8 मिमी (252% अधिक)
भीलवाड़ा: 361.6 मिमी (314% अधिक)
धौलपुर: 293.8 मिमी (288% अधिक)
जालोर: 167.8 मिमी (234% अधिक)
पाली: 201.5 मिमी (213% अधिक)
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि मॉनसून इस साल असाधारण रूप से सक्रिय है और बांधों जैसे बीसलपुर में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.
बारां: 448.8 मिमी (252% अधिक)
भीलवाड़ा: 361.6 मिमी (314% अधिक)
धौलपुर: 293.8 मिमी (288% अधिक)
जालोर: 167.8 मिमी (234% अधिक)
पाली: 201.5 मिमी (213% अधिक)
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि मॉनसून इस साल असाधारण रूप से सक्रिय है और बांधों जैसे बीसलपुर में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.
क्षेत्रीय मौसम का प्रभाव
पूर्वी राजस्थान: जयपुर, कोटा, भरतपुर, अजमेर और उदयपुर में भारी बारिश से नदियां, बांध और सड़कें प्रभावित हो सकती हैं. धौलपुर में पहले ही 293.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. निचले इलाकों में जलभराव और यातायात बाधित होने की आशंका है.
पश्चिमी राजस्थान: जोधपुर और बीकानेर में मध्यम बारिश और मेघगर्जन की संभावना है. हालांकि, पश्चिमी क्षेत्र में बारिश सामान्य से अधिक होगी लेकिन पूर्वी राजस्थान की तुलना में कम तीव्र होगी. जालोर (167.8 मिमी) और पाली (201.5 मिमी) में पहले ही भारी बारिश हो चुकी है.
बीसलपुर बांध पर प्रभाव
टोंक का बीसलपुर बांध, जो जयपुर, अजमेर और टोंक की प्यास बुझाता है, 4 जुलाई को 313.51 आरएल मीटर (64.35% क्षमता) तक पहुंच गया. 24 घंटे में 1 फीट पानी की आवक हुई और त्रिवेणी नदी 3.90 मीटर पर बह रही है. यदि जलस्तर 315.50 मीटर तक पहुंचता है, तो बांध के गेट खोले जा सकते हैं, जैसा कि 6 सितंबर 2024 को हुआ था. इससे निचले इलाकों में सतर्कता बढ़ गई है.
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को नदियों, बांधों और निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है. भारी बारिश के कारण मकान और बिजली लाइनों को नुकसान हो सकता है. गाड़ी चालकों को धीमी गति और सावधानी से वाहन चलाने की सलाह दी गई है.




















