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BJP का नारी शक्ति पर बढ़ा भरोसा! एक साथ 3 महिलाओं को बनाया जिलाध्यक्ष, जानें क्या है वजह?

जयपुर. राजस्थान भाजपा ने संगठन पर्व के तहत सूबे के शेष बचे चार जिलों धौलपुर, झुंझुनूं, जोधपुर देहात उत्तर और दौसा में जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है. इन चार जिलों में से तीन की कमान नारी शक्ति को सौंपी गई है. प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गोठवाल ने धौलपुर में राजवीर सिंह राजावत, झुंझुनू में हर्षिणी कुल्हरी, जोधपुर देहात उत्तर में ज्योति ज्याणी और दौसा में लक्ष्मी रैला को जिलाध्यक्ष बनाया है. राजस्थान में अब संगठन के 44 जिलों में से 7 में पार्टी की कमान महिला शक्ति के हाथ में आ गई है.

राजस्थान के शेष बचे चार जिलों में से तीन में महिला अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने महिलाओं को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. भाजपा राजनीति में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी तक बढ़ानी चाहती है. इस कड़ी में यह नारी शक्ति को आगे लाया जा रहा है. ये चारों जिले ही ऐसे थे जिनमें लंबे समय से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी. ऐसे में पार्टी ने इनमें से तीन जिलों में महिला जिलाध्यक्ष की नियुक्ति कर एक तीर से दो निशाने की साधने की कोशिश है. एक तो महिलाओं का कोटा पूरा करना और दूसरे बड़े नामों से बचना ताकि उनको महिलाओं की भागीदारी की बात कहकर चुप कराया जा सके.

अब सात जिलों में महिला जिलाध्यक्ष
राजनीतिक विशलेषक इसे पार्टी की राजनीतिक मजबूरी भी मान रहे हैं. क्योंकि पार्टी के तमाम प्रयासों के बावजूद भी 44 जिलों में से केवल सात पर ही महिला जिलाध्यक्ष बना पाई है. इससे पहले बीकानेर शहर अध्यक्ष के लिए सुमन छाजेड़, भरतपुर जिला अध्यक्ष के लिए शिवानी दायमा, नागौर देहात अध्यक्ष के लिए सुनीता रांधड़ और सिरोही जिला अध्यक्ष पद पर रक्षा भंडारी का निर्वाचन हुआ था. इसके बाद से लगातार नारी शक्ति वंदन को लेकर सवाल उठ रहे थे कि जो भाजपा 33 फ़ीसदी महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की बात करती है. वह महिलाओं को आगे लाने में कतरा रही है.
आंकड़ा अभी 33 फीसदी से काफी दूर है
पार्टी की आधी आबादी का तर्क था कि महिलाओं को आगे लाने वाली पार्टी ने अपनी प्रदेश की टीम में जिला अध्यक्षों में महिलाओं को न के बराबर प्रतिनिधित्व दिया है. अब भाजपा ने चार में से तीन और जिलों में महिला अध्यक्ष बनाकर फार्मूले को कुछ हद तक ठीक करने की कोशिश की है. लेकिन अभी भी यह फॉर्मूला ठीक नहीं हुआ है. क्योंकि 44 जिलों में से केवल सात ही महिलाओं को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. यह आंकड़ा अभी 33 फीसदी से काफी दूर है.
परिवारवाद की छाया से पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाई पार्टी
हालांकि इन नियुक्तियों में पार्टी परिवारवाद की छाया से पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाई है. इनमें झुंझुनूं में यह पद फिर से यहां के पुराने राजनीतिक परिवार को दिया गया है. झुंझुनूं में जिलाध्यक्ष बनाई गई वर्तमान जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी पूर्व सांसद नरेद्र खींचड़ की बहू है. नरेन्द्र खीचड़ दो बार झुंझुनूं के सांसद और तीन बार मंडावा से विधायक रहे हैं. जोधपुर देहात उत्तर की कमान संभालने वाली ज्योति ज्याणी ओसियां की पूर्व प्रधान रही है. लक्ष्मी रैला वर्तमान में महिला मोर्चे की जिलाध्यक्ष है. इनका परिवार आरएसएस बैकग्राउंड से है. वहीं धौलपुर में आरएसएस के प्रचारक रहे राजवीर सिंह राजावत को कमान दी गई है.

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