जयपुर: राजस्थान में इस बार मानसून जमकर बरसा, अत्यधिक बारिश के कारण प्रदेश के कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां फसलों को भारी नुकसान हुआ है. फसल खराबे को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने आंकड़े जारी किए हैं. इसमें सामने आया इस बार हुई अत्यधिक बारिश के कारण मूंगफली, मूंग, बाजरा, ग्वार, मोठ, सोयाबीन, ज्वार आदि फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. अत्यधिक बारिश के कारण खेतों में जलभराव की स्थिति हो गई और खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा. कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, सवाई माधोपुर, भरतपुर, उदयपुर संभाग के जिलों में लगातार हो रही बारिश से प्रमुख फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि अत्यधिक बारिश के कारण प्रदेश के कई स्थानों पर 90 प्रतिशत तक फसलें खराब हो गई.
मंडियों में आवक कम: बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि फसल खराबे के बाद मंडियों में कृषि जिंसों की आवक कम हो गई है. बारिश इतनी हुई कि खेत तालाब जैसे हो गए. जो फसलें तैयार हो रही थीं, वे अब सड़ गई हैं. भारी बारिश के कारण खेतों में कटाव के कारण उपजाऊ मिट्टी भी बारिश के साथ बहकर चली गई. कई स्थानों पर एक बार बीज बोया गया, तो बारिश के कारण बह गया इसके बाद फिर से बुआई की गई है. उन्होंने बताया कि धान और सोयाबीन की फसलें जलभराव से सड़ने लगी हैं. मूंग, उड़द और मक्का का उत्पादन प्रभावित हुआ है. हाड़ौती और पूर्वी राजस्थान में सबसे अधिक बारिश का असर हुआ है. इससे फसलों के उत्पादन में कमी के आसार हैं.
जिलेवार फसलों को नुकसान: व्यापार संघ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, भरतपुर, सवाई माधोपुर, बून्दी, भीलवाड़ा, कोटा आदि स्थानों पर फसलों को बड़ी संख्या में नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा कुछ ऐसी फसलें हैं, जो लगभग 30 से 90 प्रतिशत खराब हो चुकी हैं. बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि राजस्थान की जलवायु में कभी सूखा, तो कभी बाढ़ जैसी स्थिति अब आम हो रही है. जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून का पैटर्न लगातार बदल रहा है. कभी पूरे सीजन बारिश नहीं होती, तो कभी एक ही हफ्ते में सामान्य से दोगुनी बरसात हो जाती है. ऐसे में कृषि पर सीधा असर पड़ता है.
- कुछ इलाकों में 90 प्रतिशत मूंग की फसल तबाह
- नागौर में 50 प्रतिशत मूंगफली का उत्पादन प्रभावित
- सवाईमाधोपुर के 90 प्रतिशत फसलें तबाह
- दौसा और आसपास के इलाकों में 50 प्रतिशत बाजरे की फसल प्रभावित
- भवानीमंडी में 60% फसलों पर असर
- देवली, निवाई में 70 प्रतिशत फसले खत्म
- नोहर में मूंग और मोठ के उत्पादन में 90 प्रतिशत असर
- भरतपुर में 70 फीसदी फसलें खत्म
इन फसलों पर भी असर: राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुछ अन्य इलाकों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. जिसमें श्री विजय नगर में 70% मूंग और ग्वार प्रभावित हुआ है. कामा और बयाना में बाजरे की फसल प्रभावित हुई है. रामगंज मंडी में मक्का, सोयाबीन और उड़द 80% फसलें प्रभावित हुई हैं. इसके अलावा बून्दी में धान की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. जबकि झालरापाटन में तकरीबन 60 प्रतिशत सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित हुआ है.




















