जयपुर: अजमेर की एक महिला को 8 दिन तक डिजिटली बंधक बनाकर 80 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में एक आरोपी को जयपुर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह मुख्य खाताधारक है. ठगी के 80 लाख रुपये उसके बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे. साइबर अपराधियों ने अजमेर की एक बुजुर्ग महिला को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर कॉल किया था. उसे डिजिटली गिरफ्तार करने की बात कहकर 8 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया और आगे कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए 80 लाख रुपये अपने बैंक खाते में जमा करवा लिए.
एसपी (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि यह वारदात 23 नवंबर से 30 नवंबर, 2024 के बीच हुई थी. ठगों ने WhatsApp पर वीडियो कॉल के जरिए महिला से संपर्क किया. खुद को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया. उन्होंने महिला को डिजिटल रूप से गिरफ्तार होने का झांसा दिया और कानून की कार्रवाई से बचने के नाम पर उनसे 80 लाख रुपये अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे.
पश्चिम बंगाल का रहने वाला है आरोपी : उन्होंने बताया कि अजमेर में मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच के लिए यह मामला जयपुर साइबर क्राइम थाने को ट्रांसफर कर दिया गया. साइबर थाना पुलिस की विशेष टीम ने ठगी की राशि के लेन-देन का गहनता से विश्लेषण किया. जांच में सामने आया कि ठगी की पूरी राशि (80 लाख रुपये) एक ही बैंक खाते में ट्रांसफर हुए हैं. पड़ताल में सामने आया कि यह बैंक खाता धूलिया (पश्चिम बंगाल) निवासी सोवन मंडल का था. साइबर थाना पुलिस ने सोवन मंडल को गिरफ्तार कर लिया है. उससे आगे की पूछताछ जारी है.
150 से ज्यादा खातों में गई रकम : जांच में खुलासा हुआ है कि सोवन मंडल के खाते से ठगी के 80 लाख रुपये आगे 150 से ज्यादा बैंक खातों में गए हैं. सभी संदिग्ध खाताधारकों की पहचान की जा रही है. जांच में यह भी सामने आया है कि ठगी की रकम को विभिन्न खातों से होते हुए नकद निकासी के माध्यम से यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी में बदला जा रहा था, जिससे रकम को ट्रैक करना मुश्किल हो जाए.
18 आरोपी पहले हो चुके गिरफ्तार : इस मामले में पहले भी 18 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन आरोपियों से 13 लाख नकद, 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक, विभिन्न बैंकों की 15 चेकबुक, 16 सिम कार्ड, 13 पैन व आधार कार्ड, 1 लैपटॉप और 1 स्विफ्ट वीडीआई कार बरामद की गई है. साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज पर तुरंत पुलिस को सूचित करने का आग्रह किया है.
कमीशन से पूरे करते थे महंगे शौक : एसपी शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर ठग ठगी की रकम में से मिले कमीशन से अपने महंगे शौक पूरा करते थे. यह भी आशंका जताई जा रही है कि इन ठगों का देशभर में कई अन्य साइबर ठगी के मामलों में भी हाथ हो सकता है. मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में जुटी है.




















