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श्रद्धा मर्डर के बाद प्रियंका मर्डर केस, पहले तीन दिन दुकान में रखा शव, फिर कार से लाश को लगाया ठिकाने

दिल्ली में जिस तरह श्रद्धा की हत्या करने के बाद आरोपी की दरिंदगी सामने आई. उसी तरह बिलासपुर में हुए हत्याकांड में भी आरोपी की दरिंदगी सामने आई है. मामले में पुलिस ने मृतिका का शव बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस आरोपी का बयान दर्ज किया है. आरोपी के बयान से परत दर परत मामले का खुलासा हो रहा है. मौत के बाद युवती के शव को इस हालत में नहीं कि परिजन भी उसका चेहरा देखकर सहम गए.

बिलासपुर: बिलासपुर में रहकर पीएससी की कोचिंग कर रही भिलाई की छात्रा प्रियंका सिंह की हत्या उसके ही दोस्त ने (brutality of accused in Bilaspur murder case) कर दी. आरोपी ने शव को 3 दिन तक दुकान में छुपा कर रखा था. दुकान में ज्यादा किसी का आना जाना नहीं था, इसके चलते इस हत्याकांड की जानकारी किसी को नहीं हुई. लेकिन जब लाश सड़ने लगी, तो आरोपी युवक ने रात में लाश कार के कवर में लपेटकर कार को घर ले आया. आरोपी ने घर के आंगन में कार पार्क कर दिया. लेकिन पुलिस सीडीआर और लाश की गंध से आसपास के लोगों को मामले की भनक लग गई. जानकारी मिलने पर पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया.

थाना सिविल लाइन के कस्तूरबा नगर में शनिवार को एक कार में युवती की लाश मिली. लाश दो दिन पुरानी थी और लाश के सड़न की बदबू पूरे क्षेत्र में फैल गई थी. भिलाई की रहने वाली युवती प्रियंका सिंह बिलासपुर के दयालबंद के हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही थी. वह वही के एक मेडिकल संचालक आशीष साहू के साथ शेयर मार्केट का काम करती थी. पिछले चार दिनों से युवती के लापता होने की रिपोर्ट परिवार के सदस्यों ने बिलासपुर के कोतवाली थाना में दर्ज कराई थी. मामले में पुलिस ने युवती की लाश को बरामद कर पंचनामा किया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

कोतवाली टीआई प्रदीप आर्य ने बताया कि “आरोपी आशीष साहू ने 15 तारीख को युवती का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि युवती 15 तारीख को युवक के दुकान की ओर जाती दिखी, लेकिन वापस नहीं हुई. आरोपी आशीष साहू ने उसे गला दबाकर मार दिया था और लाश को दुकान में ही रखा था. लाश 3 दिन पुरानी होने की वजह से सढ़ने लगी थी और लाश के सड़क से बदबू फैलने लगा था. बदबू को छिपाने के लिए युवक दुकान में और लाश पर परफ्यूम का छिड़काव करता रहा, लेकिन जब बदबू असहनी हुई तो उसे कार ढकने वाले कवर पर लपेट कर अपनी कार में रख कर अपने घर ले आया और घर के आंगन में खड़ा कर दिया.

कोतवाली टीआई प्रदीप आर्य ने बताया कि “प्रियंका सिंह भिलाई से आकर पीएससी की तैयारी कर रही थी. वह कोचिंग में पढ़ाई कर रही थी, तभी उसकी पहचान कस्तूरबा नगर में रहने वाले युवक आशीष साहू से हुई. दोनों शेयर मार्केट में पैसे लगाने और प्रॉफिट में हिस्सेदारी की बात कह कर शेयर मार्केट का काम शुरू कर दिए थे. मृतिका अपने परिवार, अपने मामा और रिश्तेदारों से थोड़ा थोड़ा पैसा लेकर लगभग 19 लाख रुपए युवक को दिए थे. शुरुआती दौर में युवक ने शेयर मार्केट में प्रॉफिट होने की बात कहते हुए युवती को कुछ पैसे वापस भी किए. लेकिन बाद में नुकसान होने की बात कह कर लगभग 11:30 लाख रुपए उसे नहीं दे रहा था. पैसे नहीं मिलने पर युवती आरोपी आशीष साहू पर दबाव बनाने लगी. तब 15 तारीख को उसे पैसे देने के लिए आरोपी ने अपने मेडिकल एजेंसी में बुलाया और वही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. पूरे हत्या का कारण पैसे का लेनदेन रहा.

कोतवाली टीआई प्रदीप आर्य ने बताया कि “मृतिका की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज होने के बाद जांच शुरु की गई. उसके कॉल डिटेल और बैंक ट्रांजैक्शन के साथ ही कई अलग-अलग पहलुओं की छानबीन की गई. तब पता चला कि आशीष साहू के साथ उसके पैसे के लेनदेन हुए हैं. तब पुलिस ने उसे पकड़ा और पूछताछ की, तो वह लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा. लेकिन बाद में लाश मिलने के साथ ही पूरी कहानी साफ हो गई.

कोतवाली टीआई प्रदीप आर्य ने बताया कि “मृतिका ने आरोपी को लाखों रुपए बैंक के माध्यम से दिए थे. इसी तथ्य के आधार पर पुलिस आगे बढ़ती रही. फिर धीरे धीरे मामले पर कई खुलासा होने लगा. तथ्य सामने आने के बाद आरोपी को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि सारे सबूत आरोपी के खिलाफ थे.”


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