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आम कब नहीं खाना चाहिए? जानें सेहत से जुड़ी 5 स्थितियां जिनमें आपको आम खाने से बचना चाहिए

आम कब नहीं खाना चाहिए-

आम गर्मियों में खाए जाने वाला एक ऐसा फल है जिसे आमतौर पर लोग बहुत पसंद करते हैं। आम में फाइबर, विटामिन और कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो कि शरीर के लिए अलग-अलग प्रकार से काम करते हैं। आम में विटामिम ए और सी होता है जो कि इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ आंखों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा आम का फाइबर पेट के लिए बहुत अच्छा है और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में भी मददगार है। लेकिन कुछ स्थितियों में आम खाना आपके लिए नुकसानदेह (Mango side effects in hindi) भी हो सकता है, खास कर कि सेहत से जुड़ी कुछ खास स्थितियों में। तो, आइए जानते हैं सेहत से जुड़ी इन्हीं स्थितियों के बारे में जिनमें हमें आम खआने से बचना चाहिए।

. डर्मेटाइटिस में

आम में उरुशीओल (urushiol) नाम का केमिकल होता है। इस रसायन के प्रति संवेदनशील लोगों में आम खाना डर्मेटाइटिस को ट्रिगर करता है। यह एक त्वचा की समस्या है जहां लोगों की त्वचा में सूजन आ जाती है जो परतदार, खुजलीदार और फफोले हो जाती है। ऐसे में आम खाने से बुखार या पित्ती भी हो सकती है। ऐसे में जिन लोगों को स्किन से जुड़ी समस्याएं रहती हैं उन्हें आम के सेवन से बचना चाहिए।

मोटापा पीड़ितों को

आम खाने में चाहे जितना भी टेस्टी हो लेकिन ये आपका मोटापा बढ़ा सकता है। दरअसल, आम की कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। एक औसत आकार के आम में 150 कैलोरी होती है। ऐसे में इसे ज्यादा खाना आपका वजन बढ़ा सकता है। इसलिए, अगर अपना वजन नियंत्रित रखना चाहते हैं या मोटापे से पीड़ित हैं तो आपको आम का सेवन करने से पहले सोचना चाहिए और अगर आप खा भी रहे हैं तो एक दिन में कम से कम एक छोटा आम का ही सेवन करें।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में आम का सेवन नुकसानदेह हो सकता है। दरअसल, आम आपके हाजमे को खराब कर सकता है और दस्त का कारण बन सकता है। लेकिन जिन लोगों को पेट से जुड़ी परेशानियां रहती हैं या फिर जिनके आंत कमजोर हैं उन्हें आम के सेवन से बचना चाहिए। नहीं तो ये अपच, बदहजमी, उल्टी, मतली और कब्ज का कारण बन सकता है। इसके अलावा कई बार ये पेट में इंफेक्शन के लक्षणों को भी जन्म दे सकता है जो कि अक्सर ज्यादा आम खाने के कारण होता है।

डायबिटीज में

डायबिटीज के मरीजों को आम के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आम हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फल है जो कि शुगर स्पाइक में तेजी लाता है। इसके अलावा आम में शुगर की भी मात्रा ज्यादा होती है जो कि आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ा सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को आम के सेवन से बचना चाहिए। नहीं तो ये उनमें ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा कर डायबिटीज को असंतुलित करने का कारण बन सकता है।

लेटेक्स एलर्जी वाले लोगों को

अगर आपको लेटेक्स से एलर्जी है तो सावधान रहें। आम में मिलने वाले प्रोटीन लेटेक्स के समान होते हैं, इसलिए आपका शरीर लेटेक्स एलर्जी समझ कर इस पर रिएक्ट कर सकता है। ऐसे में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पानी वाले दाने निकल सकते हैं। ऐसे में आपको तुरंत ही अपने डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।


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