हेलीकॉप्टर हादसे में पत्नि मधुलिका रावत सहित सीडीएस विपिन रावत शहीद, देश को लगा बड़ा झटका
तमिलनाडु में आर्मी हेलकॉप्टर हादसे में देश के पहले CDS बिपिन रावत शहीद हो गए हैं। बता दें कि सेना का हेलीकॉप्टर IAF MI-17 V5 बुधवार दोपहर क्रैश हो गया था।
इस हेलीकॉप्टर में देश के पहले सीडीएस विपिन रावत समेत 14 लोग मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक इस हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस रावत की पत्नी मधुलिका रावत का भी देहांत हो गया है। इस हादसे में सभी चौदह सवारों की मौत हो गई है। भारतीय वायुसेना ने इस क्षति की पुष्टि कर दी है।
With deep regret, it has now been ascertained that Gen Bipin Rawat, Mrs Madhulika Rawat and 11 other persons on board have died in the unfortunate accident.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
कुछ ऐसा था जीवन सफ़र
बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ। रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी सेना में रहे हैं। वे लेफ्टिनेंट जनरल पद से रिटायर हुए। रावत की शुरुआती पढाई सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में हुई। इसके बाद की शिक्षा बिपिन रावत ने इंडियन मिलिट्री अकेडमी, देहरादून से पूरी की। यही नहीं, उन्होंने अमेरिका में वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली।
बिपिन रावत ने सेना से दिसंबर-1978 में जुड़े। सेना को अपनी सेवाएं देने के दौरान बिपिन रावत अनेक पदों पर रहे। इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून में भी उनकी तैनाती रही। रावत मिलिट्री ऑपरेशंस डायरेक्टोरेट में वे जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2 रहे। लॉजिस्टिक स्टाफ ऑफिसर, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी, डिप्यूटी मिलिट्री सेक्रेटरी, जूनियर कमांड विंग में सीनियर इंस्ट्रक्टर जैसे कई पदों पर वह सेना में रहे।
ऊंची चोटियों की लड़ाई में बिपिन रावत को महाराथ हासिल थी और दुर्दांत इलाकों में उन्होंने आतंकवाद व उग्रवादी गतिविधियों से निपटने के लिए कई ऑपरेशन चलाए। बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी का विशेषज्ञ माना जाता था।
नॉर्थ ईस्ट में चीन से सटे लाइन ऑफ एक्चुएल कंट्रोल पर उन्होंने एक इंफैंट्री बटालियन को कमांड किया। वहीं, कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और इंफैंट्री डिवीजन के वे कमांडिंग ऑफिसर रहे।
2008 में कांगो में उन्होंने यूएन पीसकीपिंग ऑपरेशन में इंडियन ब्रिगेड के चीफ की ज़िम्मेदारी संभाली। अपने अदम्य साहस के लिए रावत को 40 साल से अधिक के सैन्य करियर में कई सेवा मेडल और अवार्ड मिले हैं। यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करते हुए भी उनको दो बार फोर्स कमांडर कमेंडेशन का अवार्ड दिया गया।