संगीतकार सागर भाटी को संगीत भूषण सम्मान तथा डेढ लाख रुपये की राशि समर्पित
श्रीडूंगरगढ़ में गुणीजन सम्मान समारोह समिति के तत्वावधान में संगीत से जुड़ी इक्कीस प्रतिभाओं का नगर की ओर से भव्य सम्मान किया गया।
रविवार को प्रातः राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति के प्रांगण में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ की धरा एक से एक उम्दा कलाकारों की धरती है। यहां के कलाकारों ने देश प्रदेश में अपनी कला का लोहा मनवाया है। कलाकारों का सम्मान करना हमारा दायित्व बनता है। प्रारंभ में संगीतकार, गायक, गीतकार सागर भाटी को स्व जसवंतमल राठी संगीत भूषण सम्मान प्रदान किया गया। शाॅल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र के साथ इक्कीस हजार रुपये की नकद राशि प्रदान की गई। इस कार्यक्रम को ऑनलाइन देख रहे बालभारती स्कूल के उनके पूर्व विद्यार्थियों ने गुरुजी सागर भाटी को एक लाख रुपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की, वहीं शोभाचंद बल्देवा परिवार की ओर से इक्कीस हजार रुपये की धन राशि भी प्रदान की गई।
सम्मान समारोह में इस दौरान वाणी गायक लूणाराम नाई, भजन गायक भंवरलाल स्वामी, लोक गायिका कमला बाई, गायक सत्तार खां, पारम्परिक भजन गायक ओमप्रकाश सिखवाल, वाणी गायक घीसाराम सुथार, तबला वादक परमेश्वर कत्थक, भजन गायक कालूराम भोपा, सारेगामा रनर रमजान, तबला वादक सुभाष चन्द्र स्वामी, चिरजा गायक हमीद, तबला वादक बाबू खां दम्मामी, बैंड गायक आरिफ भियानी, क्लारनेट वादक तालिब भियानी, मांड गायक सांवरमल कत्थक, लोकगीत गायक शकील, शास्त्रीय गायक रफीक इलाही, बैंड गायक हुसैन इलाही, तबला वादक राजू खां दम्मामी तथा लोक गायक इन्द्रचंद भाटी का सम्मान किया गया तथा समिति की ओर से प्रत्येक कलाकार को दस-दस हजार रुपये की नकद राशि तथा प्रशस्ति पत्र सम्मान स्वरूप प्रदान किया गया। इस अवसर पर कुछ कलाकारों ने गायन-वादन की कतिपय मनोहर प्रस्तुतियां भी दीं।
कार्यकर्म के मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश राठी थे। कार्यक्रम के सौजन्यकर्ता गौरीशंकर राठी, चैन्नई, भीखमचंद पुगलिया-कलकता, डॉ आरती बोथरा कोचर -नोएडा तथा पूर्णानंद ( बिहारी जोशी), दुबई ने ककलाकारों के प्रति अपने लिखित संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से भिजवाए। प्रारंभ में चेतन स्वामी ने कार्यक्रम की विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की। समारोह समिति के अध्यक्ष लाॅयन महावीर माली ने कहा कि कलाकार हमारे नगर की सांस्कृतिक चेतना के आधार हैं। हमें अवसर अवसर पर उन्हें याद करते रहना चाहिए। कार्यक्रम का सफल संयोजक साहित्यकार सत्यदीप ने किया। मीडिया कवरेज पत्रकार अशोक पारीक ने किया।