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श्रवण राठौड़ का पार्थिव शरीर देने से मना किया अस्पताल ने, बोले पहले 10 लाख के बिल का भुगतान करो

श्रवण राठौड़ ( Shravan Rathod) ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. लेकिन खबर आ रही है कि संगीतकार का पार्थिव शरीर अभी परिवार को नहीं सौंपा गया है. दरअसल, केआरके बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उनका अस्पताल का बिल 10 लाख रुपये बताया गया है. एस एल राहेजा अस्पताल ने परिवार से 10 लाख रुपये का बिल एडवांस में भरने को बोला है जबकि श्रवण की इंस्योरेंस पॉलिसी थी.
हालांकि इस मामले में अभी तक श्रवण के भाई या परिवार की तरफ से कोई स्टेटमेंट नहीं आया है. लेकिन केआरके बॉक्स ऑफिस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. अब परिवार के स्टेटमेंट का सभी को इंतजार है.
https://twitter.com/KRKBoxOffice/status/1385452380808826884?s=19
कई बीमारियों से ग्रसित थे
श्रवण का कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टर्स ने बताया था कि वो कई दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित थे जिसके बाद उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी हुई थी.
श्रवण की बीमारियों की इन्हीं गंभीर परिस्थितियों की वजह से उनके कोरोना के इलाज में दिक्कत आ रही थी. शुक्रवार दिन में उनकी तबीयत ज्याद बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें नहीं बचाया जा सका. श्रवण का जन्म 13 नवंबर 1954 को हुआ था.
आशिकी से मिला फेम
1990 के दशक में नदीम-श्रवण की जोड़ी के संगीत का दबदबा बॉलीवुड में छाया था. नदीम सैफी अपने साथी श्रवण राठौर के साथ मिलकर कई शानदार फिल्मों में संगीत दिया है. फिल्म आशिकी में उनके रोमांटिक गानों की धुन बेहद लोकप्रिय हुईं. ये जोड़ी उस वक्त टूटी जब गुलशन कुमार की हत्या हुई.
फेमस फिल्में
बता दें, नदीम-श्रवण की जोड़ी ने ‘आशिकी’, ‘साजन’, ‘सड़क’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘साथी’, ‘दीवाना’, ‘फूल और कांटे’, ‘राजा हिंदुस्तानी’, ‘जान तेरे नाम’ ‘रंग’, ‘राजा’, ‘धड़कन’, ‘परदेस’, ‘दिलवाले’, ‘राज’ जैसी फिल्मों में संगीत देकर फैंस को दीवाना किया था. इस जोड़ी के गानों को आज तक पसंद किया जाता है.


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