बारिश का मौसम में काले, सफेद और लाल रंग का शहतूत फल उगता है. लंबे कीड़े की तरह दिखने वाला यह फल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. शहतूत फल अपने लाजवाब लगी स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. जितना अधिक शहतूत फल पका हुआ होता है वह उतना ही अधिक मीठा होता है.
शहतूत का पेड़ 5 से 15 मीटर तक ऊंचा होता है, इसकी शाखाए घनी और फैलावदार होती है. इसकी पत्तियां चौड़ी, हरी और दिल के आकार की होती हैं. ये पत्तियां रेशम के कीड़ों के लिए प्रमुख आहार होती हैं. ग्रामीण क्षेत्र में बहुतायत मात्रा में यह पौधा पाया जाता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि शहतूत के पेड़ पर छोटे-छोटे फूल लगते हैं. इसके फल छोटे-छोटे समूहों में होते हैं, ये पकने पर सफेद, लाल या काले रंग के हो जाते हैं, जो मीठा और रसदार होता है. आमतौर कर यह पेड़ 25-50 वर्षों तक जीवित रह सकता है. यह पेड़ कम पानी और सूखे की स्थिति में भी उग जाता है.
शहतूत की पत्तियां रेशम कीट के भोजन के रूप में उपयोग की जाती हैं, जिससे रेशम उत्पादन होता है. इसकी जड़ों का उपयोग श्वसन संबंधी बीमारियों और उच्च रक्तचाप के इलाज में किया जाता है. वहीं पत्तों का काढ़ा डायबिटीज नियंत्रित करने में सहायक होता है. शहतूत के फल को ताजा खाया जाता है. इससे जैम, जूस, और सिरप बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. शहतूत की लकड़ी मजबूत होती है और इसे फर्नीचर बनाने और ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है.
शहतूत के कई आयुर्वेदिक फायदे हैं. शहतूत का फल केवल साल में 2 से 3 महीने ही खाने को मिलता है. यह फल शहतूत के पेड़ पर बारिश के समय उगना शुरू होता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, शहतूत का फल रक्त को शुद्ध करता है और खून की कमी (एनीमिया) को दूर करता है.
शहतूत में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज दूर करता है. इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. शहतूत के फल का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा इसके फल के अलावा पत्तियों से बना काढ़ा ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है. इसके पत्तों का रस या काढ़ा कफ और सर्दी-जुकाम से राहत दिलाता है.
यह फल एप्पल की कीमत से भी अधिक महंगा है. जहां एप्पल की कीमत मार्केट में 100 के आस-पास रहती है, वहीं, सीजन में शहतूत के फल की कीमत 150 से 200 रुपए प्रति किलो होती है. लजीज स्वाद और स्वास्थ्य लाभ के कारण सीजन के समय मार्केट में इस फल की भारी डिमांड रहती है.



















