जयपुर अपनी खास बसावट, यहां की चौड़ी-चौड़ी सड़कें और अपनी हैरिटेज इमारतों के लिए प्रसिद्ध हैं लेकिन प्री मानसून की पहली बारिश ने साबित कर दिया की ज़मीनी हकीकत कुछ और ही हैं. राजधानी जयपुर में प्री मानसून की पहली बारिश ने जयपुर की बदहाल सड़कों और गढ्ढों ने जयपुर के स्मार्ट सिटी की पोल खोल दी, टूटी फूटी सड़कों और गढ्ढों ने जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर नगर निगम और ठेकेदारों के बड़े-बड़े वादों-फरमानों की बखिया उधेड़ दी. राजधानी जयपुर में सड़कों की हालत ऐसी है की सड़कों पर गढ्ढो से लेकर ड्रेनेज सिस्टम, फूटपाथ, सर्किल, कॉलोनियों के एंट्री गेट की सड़कों पर 6-6 फीट के गढ्ढे कुएं की तरह खुले पड़े हैं. जहां हर दिन हादसे हो रहे हैं. आइए आपको बता दें हैं जयपुर की बदहाल सड़कों का हाल-ए-म़जर.
आपको बता दें जयपुर की सड़कों का हाल इस कदर बदहाल हैं की जयपुर में प्रवेश करने वाले सबसे पुराने रास्ते घाट की गुणी जहां सड़क पर गढ्ढे और सड़कों के किनारे मलबा पड़ा हैं हर दिन इस रास्ते से हजारों वाहन निकलते हैं और हादसों का शिकार होते हैं. घाट की गुणी में कुछ महिने पहले पाइपलाइन डालने का काम हुआ था, काम होने के बाद खुदाई के गढ्ढे आज भी वैसे ही पड़े हैं जिससे हर दिन लोग परेशान हो रहे हैं.
जयपुर की मिर्जा स्माइल रोड, जे.एल.एन मार्गं, टोंक रोड़ जो जयपुर की सबसे चौड़ी और बड़ी-बड़ी सड़कें हैं जहां सर समय वाहनों से रोड़ भरी रहती हैं उन सड़कों पर सड़कों चौराहे के बीचोंबीच गढ्ढे बन गए, जहां साइन बोर्ड लगे हुए हैं, गढ्ढों की वज़ह से इन सड़कों पर सुबह-शाम लम्बा ट्रेफिक कलता हैं. सड़कों पर बनी नालियों पर बीछी जालिया टूटी हैं जिससे उनमें छोटे टायर के वाहनों के फंसने का खतरा हर समय बने रहता हैं.
जयपुर की मिर्जा स्माइल रोड, जे.एल.एन मार्गं, टोंक रोड़ जो जयपुर की सबसे चौड़ी और बड़ी-बड़ी सड़कें हैं जहां सर समय वाहनों से रोड़ भरी रहती हैं उन सड़कों पर सड़कों चौराहे के बीचोंबीच गढ्ढे बन गए, जहां साइन बोर्ड लगे हुए हैं, गढ्ढों की वज़ह से इन सड़कों पर सुबह-शाम लम्बा ट्रेफिक कलता हैं. सड़कों पर बनी नालियों पर बीछी जालिया टूटी हैं जिससे उनमें छोटे टायर के वाहनों के फंसने का खतरा हर समय बने रहता हैं.
जयपुर में प्रवेश करने के लिए यहां के अलग-अलग नेशनल हाइवे तक की सड़कों की हालत बदहाल हैं हाइवे के किनारे बने सर्विस रोड़ पर सड़कें टूट गई हैं जहां हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जयपुर के आगरा रोड़ के हाइवे पर फूटपाथ के डिवाइस की सड़कें कई जगह घस गयी हैं जिसमें से लोहे के सरीए बाहर आ गए हैं अगर इनमें को गिरता हैं तो वह सीधे अस्पताल के बैड पर ही मिलेगा.
आपको बता दें जयपुर की बड़ी-बड़ी सड़कों सहित अंदर बने छोटे-छोटे रास्तों और सड़कों की हालत और भी बुरी हैं जयपुर के एम.रोड़ जहां रविन्द्र मंच पर सड़क बनाने वाले इंजीनियर और ठेकेदारों की काबिलियत हैरान करने लायक हैं यहां बनी सड़क का निमार्ण ही इस प्रकार किया गया हैं की हर साल यहां पानी भरता हैं उपर से बड़े-बड़े गड्ढे जो पानी में दिखाई तक नहीं देते और उनमें गाडियां फंस जाती हैं लोग यहां से लोग गाड़ी लेकर ऐसे गुजरते हैं जैसे कही पाताल लोग का यही बना हैं. यहां हर दिन लोग सबसे ज्यादा घटनाओं के शिकार हो रहे हैं लेकिन प्रशासन इतनी घटनाओं के बाद भी निंद में हैं.
आपको बता दें जयपुर की बड़ी-बड़ी सड़कों सहित अंदर बने छोटे-छोटे रास्तों और सड़कों की हालत और भी बुरी हैं जयपुर के एम.रोड़ जहां रविन्द्र मंच पर सड़क बनाने वाले इंजीनियर और ठेकेदारों की काबिलियत हैरान करने लायक हैं यहां बनी सड़क का निमार्ण ही इस प्रकार किया गया हैं की हर साल यहां पानी भरता हैं उपर से बड़े-बड़े गड्ढे जो पानी में दिखाई तक नहीं देते और उनमें गाडियां फंस जाती हैं लोग यहां से लोग गाड़ी लेकर ऐसे गुजरते हैं जैसे कही पाताल लोग का यही बना हैं. यहां हर दिन लोग सबसे ज्यादा घटनाओं के शिकार हो रहे हैं लेकिन प्रशासन इतनी घटनाओं के बाद भी निंद में हैं.
आपको बता दें जयपुर की सड़कों पर सामान्य रूप से पूरे दिन वैसे ही ट्रेफिक रैगते रहता हैं लेकिन बदहाल सड़कों और गढ्ढों के चलते हालत इतनी बुरी हैं की लोग ट्रेफिक में फंसे रहते हैं. 5 किलोमीटर की दूरी तय करने में भी कभी-कभार 20 से 25 मिनट लग जाते हैं और अगर बरसात बरस रही हैं तो फिर समय की कोई सीमा नहीं हैं की लोग अपने गंतव्य तक कब पहुंचेंगे.




















