सीकर: इस बार मानसून ने जिले में समय पर दस्तक दी और पहले ही महीने में झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है. जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 18 जुलाई तक भरतपुर जिले में औसतन 314.08 मिमी वर्षा हो चुकी है. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 55 मिमी अधिक है, जब 18 जुलाई 2024 तक मात्र 259 मिमी बरसात दर्ज हुई थी. जिले हुई झमाझम बारिश असर जिले के प्रमुख जलस्रोतों और बांधों में देखने को मिल रहा है. वहीं, सीकर में एक 13 साल के बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो गई. धौलपुर के उर्मिला सागर के ओवरफ्लो होने के चलते पानी की निकासी के लिए एनएच 11बी को कटवाया गया है.
बारैठा बांध से 250 एमसीएफटी पानी छोड़ा: जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता बने सिंह ने बताया कि बारैठा बांध, अजान बांध, खानुआ, आजऊ, चिकसाना समेत कई बांधों में पानी की आवक बढ़ गई है. विशेष रूप से बारैठा बांध में इस सीजन में पानी की आवक हुई है. बारैठा बांध की कुल भराव क्षमता करीब 29 फीट है. 13 से 15 जुलाई के बीच इसमें 28 फीट पानी भर जाने पर करीब 32 घंटे तक कुकुंद नदी में लगभग 250 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया. इससे निचले इलाकों में सिंचाई और भूजल स्तर सुधारने में मदद मिलेगी.
अजान, खानुआ और चिकसाना बांधों में भी भराव: अधीक्षण अभियंता बने सिंह ने बताया कि बारैठा के अलावा अजान बांध में भी 260 मिमी बारिश के बाद पर्याप्त पानी आ चुका है. वहीं खानुआ, आजऊ और चिकसाना जैसे बांधों में जलभराव की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. ये बांध आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करते हैं.
पांचना बांध से जारी है पानी की निकासी: सिर्फ भरतपुर ही नहीं, बल्कि करौली जिले के पांचना बांध से भी पानी की निकासी की जा रही है. गत 9 जुलाई से लगातार हर दिन करीब 450 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. यह पानी गंभीरी नदी के माध्यम से बयाना, सेवला होते हुए अजान बांध तक पहुंच चुका है. अजान बांध से अब प्रसिद्ध घना पक्षी विहार क्षेत्र की ओर जल आपूर्ति की जाएगी, जिससे घना में प्राकृतिक जलस्त्रोतों को भी संजीवनी मिलेगी और पक्षियों को भी राहत मिल सके.
भरतपुर जिले में क्षेत्रवार वर्षा की स्थिति: 18 जुलाई तक की आंकड़ों के अनुसार भरतपुर जिले के विभिन्न इलाकों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई. जिले में कुल औसत वर्षा 314.08 मिमी दर्ज की गई है.
- अजान बांध क्षेत्र – 260 मिमी
- वैर – 328 मिमी
- बारैठा – 356 मिमी
- बयाना – 323 मिमी
- भरतपुर शहर – 381 मिमी
- भुसावर – 297 मिमी
- हलैना – 294 मिमी
- नदबई – 223 मिमी
- रूपवास – 276 मिमी
- सेवर – 357 मिमी
- उच्चैन – 392 मिमी
शुरुआती मानसून में हुई यह अच्छी बारिश किसानों के लिए राहतभरी खबर है. जलस्तर बढ़ने से कुएं और ट्यूबवेल भी फिर से सक्रिय हो गए हैं. इसके अलावा, राष्ट्रीय पक्षी विहार केवलादेव (घना) को भी इस जल आपूर्ति से जीवन मिलेगा. वर्षों से मानसून की कमी से जूझ रहे इस अभ्यारण्य को पर्याप्त जल मिलने की संभावना बनी है.
13 वर्षीय बालक की डूबने से मौत: सीकर के खंडेला थाना इलाके के होद गांव में 13 वर्षीय अभिषेक उर्फ गणेश पुत्र सुभाष अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए गांव के पास बने जोहड़ में गया था. नहाते समय गहरे पानी में जाने से वह डूब गया. थानाधिकारी इंद्रप्रकाश यादव ने बताया कि हादसा होद और बुधसिंह गांव के बीच स्थित जोहड़ में हुआ. जोहड़ में पानी की गहराई लगभग 5 से 7 फीट थी. अभिषेक अपने तीन-चार साथियों के साथ नहाने के लिए वहां गया था. नहाते समय वह अचानक गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा. उसके साथियों ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया. ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद अभिषेक को बाहर निकाला. गंभीर हालत में उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
हाइवे को काटकर की पानी की निकासी: धौलपुर में उर्मिला सागर ओवरफ्लो होने से जिला प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए. कलेक्टर ने मौके पर पहुंचकर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को एनएच 11बी को कटवाया है. जिससे पानी की निकासी की जा रही है. जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने बताया कि उर्मिला सागर ओवरफ्लो हो चुका है. उर्मिला सागर की भराव क्षमता 29 फिट है. जबकि गेज लेवल 31 फीट तक पहुंच चुका है. उर्मिला सागर भराव क्षमता से 2 फीट अधिक पहुंच चुका है. उर्मिला सागर के आसपास बसी आबादी एवं बांध की सुरक्षा को देखते हुए निभी गांव के पास एनएच 11बी को काटने का निर्णय लिया है. बुलडोजर से हाइवे को काटकर पानी की निकासी शुरू कर दी है.
कलेक्टर ने बताया हाइवे में पानी निकासी के लिए पाइप भी लगे हुए थे. लेकिन पानी की आवक अधिक होने की वजह से निकासी नहीं हो रही थी. इसलिए हाइवे को काटने का निर्णय लिया गया है. वर्ष 2024 में भी उर्मिला सागर ओवरफ्लो हुआ था. तत्कालीन समय पर भी हाइवे काटने की नौबत आई थी. जिला कलेक्टर ने तत्कालीन समय पर हाइवे के नीचे 6 पाइप डालने के निर्देश दिए थे. लेकिन एनएचआई के अधिकारियों ने सिर्फ दो पाइप डालकर काम की खानापूर्ति कर दी. जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार सिंघल ने बताया बरसात के इस सीजन में 74 प्रतिशत बारिश हो चुकी है.




















