हैदराबाद: शहर में बढ़ते संसाधनों के साथ-साथ धूल और वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी, हैदराबाद के एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कुछ पेड़-पौधों की प्रजातियाँ धूल को पकड़ने और वायु में मौजूद निलंबित कणों को सहन करने में सक्षम हैं.
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करते हैं बरगद और नीम
संस्थान के वैज्ञानिक डी. पंकज सिंह और सी. भारती पटेल के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि ‘बरगद’ वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी प्रजातियों में से एक है. यह एक प्रमुख वृक्ष प्रजाति के रूप में कार्य करता है, इनके अलावा ‘नीम’ और ‘कचनार’ (आर्किड ट्री) भी कई स्थानों पर प्रदूषण के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
कैसे की गई रिसर्च?
शहरी क्षेत्रों में वृक्षों की उपस्थिति गर्मी की लहर, मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण तथा शोर को कम करने में सहायक होती है. इस अध्ययन के तहत हैदराबाद के तीन क्षेत्रों दुलापल्ली, बोल्लाराम और मेडचल राष्ट्रीय राजमार्ग से नमूने लिए गए. ये क्षेत्र फार्मास्यूटिकल, कंक्रीट और पेय उद्योगों के गढ़ माने जाते हैं, जहाँ औद्योगिक उत्सर्जन और वाहनों का प्रदूषण अधिक होता है.
डॉ. भारती पटेल के अनुसार, पाँच पेड़ प्रजातियों पर किए गए जैव-रासायनिक विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि नीम, बरगद और कचनार जैसे पेड़ औद्योगिक क्षेत्रों में लगाई जाने वाली एवेन्यू प्लांटेशन के लिए सबसे उपयुक्त हैं. यदि इन पेड़ों को ऐसे क्षेत्रों में लगाया जाए जहाँ वायु गुणवत्ता खराब है, तो ये पेड़ उस क्षेत्र के लिए संजीवनी साबित हो सकते हैं.



















